अमूल-नंदिनी को भावनात्मक मुद्दा बनाया गया, अमूल कांग्रेस शासन के दौरान कर्नाटक आया: सीतारमण

बेंगलुरु. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि अचानक यह कहना कि अमूल को कर्नाटक में नंदिनी को खत्म करने के लिए लाया जा रहा है ‘शर्मनाक’ है. उन्होंने दावा किया कि गुजरात का दूध ब्रांड अमूल कर्नाटक में तब आया, जब यहां कांग्रेस सत्ता में थी.

कर्नाटक दूध महासंघ (केएमएफ) नंदिनी ब्रांड नाम के तहत दूध, दही और अन्य डेयरी उत्पाद बेचता है. सीतारमण ने कहा कि चीजों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और भावनात्मक मुद्दा बनाया गया, क्योंकि कर्नाटक में 10 मई को चुनाव होने हैं. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की योजना में, हर राज्य की अपनी दुग्ध सहकारी समिति है. कर्नाटक के नंदिनी ब्रांड को कौन नहीं पहचानता? अभी जब मैं आयी हूं, तो नंदिनी का दूध, दही, पेड़ा खाया…बेशक दिल्ली में मैं अमूल खरीदूंगी. मैं दिल्ली में, कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करती हूं (लेकिन) अगर वहां नंदिनी उपलब्ध नहीं है, तो ऐसा नहीं कहूंगी कि मैं दूध नहीं खरीदूंगी. मैं अमूल के उत्पाद खरीदती हूं. यह कर्नाटक के खिलाफ नहीं है.’’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में नंदिनी और डेयरी किसानों को मजबूत करने का सवाल कभी नहीं था. सीतारमण ने कहा कि उन्हें मजबूत करने का प्रयास जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि नंदिनी ब्रांड भी अपने उत्पाद केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बेचता है, जैसे अन्य राज्यों के डेयरी के उत्पाद कर्नाटक में उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगी कि अच्छी प्रतिस्पर्धा है…इसलिए विचार भारत को हर तरह से मजबूत करने का है. यही कारण है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है.’’ मंत्री यहां ‘ंिथकर्स फोरम, कर्नाटक’ के साथ बातचीत के दौरान अमूल-नंदिनी विवाद के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रही थीं.

उन्होंने कहा कि झूठ और अचानक यह कहना कि अमूल को नंदिनी को खत्म करने के लिए लाया जा रहा है, शर्मनाक है. सीतारमण ने कहा, ‘‘अमूल ने कर्नाटक में तब प्रवेश किया, जब यहां कांग्रेस की सरकार थी. मुझे तत्कालीन मुख्यमंत्री का नाम लेना चाहिए या नहीं, इस पर असमंजस में हूं. वही सम्मानित पूर्व मुख्यमंत्री अब अमूल के प्रवेश पर सवाल उठा रहे हैं. यह उनके समय में हुआ, जब अमूल ने उत्तर कर्नाटक में विपणन के लिए उन क्षेत्रों में प्रवेश किया था.’’

कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार को पहली बार दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने का श्रेय देते हुए सीतारमण ने कहा कि राज्य के दूध किसानों को समर्थन देने की जरूरत है. वित्त मंत्री ने कहा कि येदियुरप्पा की सरकार ने किसानों को प्रति लीटर 2 रुपये और दिए. उन्होंने कहा कि बाद की सरकारों ने भी अपना काम किया.

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