तीरंदाजी विश्व कप: भारतीय पुरुष रिकर्व टीम को रजत, धीरज को व्यक्तिगत वर्ग में कांस्य
अंताल्या. भारतीय पुरूष रिकर्व टीम को रविवार को यहां तीरंदाजी विश्व कप पहले चरण में शूट आफ में चीन से मिली पराजय के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा . भारतीय टीम की नजरें 2010 के बाद विश्व कप में पहले स्वर्ण पदक पर थी . तरूणदीप राय, अतनु दास और धीरज बोम्मादेवरा की भारतीय टीम ने 0 . 4 से पिछड़ने के बाद बराबरी की और मुकाबले को शूटआफ में खींचा .
तीनों हालांकि 4 . 5 (54 . 55, 50 . 56, 59 . 58, 56 . 55, 28 . 28) से हार गए. चीन की टीम ने स्वर्ण पदक जीता जिसमें लि झोंगयुआन, कि शयांगशुओ और वेइ शाहोक्सू शामिल थे . धीरज ने इसके बाद विश्व कप में पदार्पण करते हुए दूसरा पदक जीता जब सेना के 20 साल के इस निशानेबाज ने व्यक्तितगत रिकर्व वर्ग में कजाखस्तान के इलफत अब्दुलिन को 7 . 3 (28 . 28, 29 . 26, 28 . 29, 29 . 27, 29 . 27) कांस्य पदक अपने नाम किया.
धीरज को हालांकि मलाल रहेगा कि वह रजत पदक नहीं जीत पाए क्योंकि मालदोवा के डेन ओलारू के खिलाफ 4 . 0 की बढ़त बनाने के बावजूद उन्हें सेमीफाइनल में 4 . 6 से हार झेलनी पड़ी. भारत ने इस तरह अपने अभियान का अंत दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ किया. टीम स्पर्धा में भारत का दूसरे सेट में प्रदर्शन खराब रहा जिसमें भारतीय तिकड़ी 60 में से 50 अंक ही बना सकी जबकि चीन ने छह अंक के अंतर से सेट जीता और 4 . 0 की बढ़त बनाई.
भारत की शुरुआत धीमी रही और चीन ने एक अंक से पहला सेट जीता . तीसरे सेट में भारत ने वापसी करके पांच बार दस का स्कोर किया . भारत ने चौथा सेट भी एक अंक से जीता . भारतीय टीम 2014 में भी मेडेलिन में दूसरे चरण और व्रोक्लॉ में चौथे चरण में विश्व कप जीतने के करीब पहुंची थी लेकिन हार गई .
भारत ने पुरूषों के रिकर्व वर्ग में पांच स्वर्ण पदक जीते हैं . भारत ने आखिरी बार पुरूषों के रिकर्व वर्ग में विश्व कप स्वर्ण पदक 2010 में शंघाई में जीता था . उस टीम में सेना के तरूणदीप राय भी थे जबकि उनके साथ जयंत तालुकदार और राहुल बनर्जी ने जापान को फाइनल में हराया था .