आज के समय में कोई कानून से ऊपर नहीं: उपराष्ट्रपति धनखड़
जयपुर. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ‘कानून गलत’ पाए जाने पर ‘कुछ लोगों’ के सड़कों पर उतरने और हिंसा तथा आगजनी में शामिल होने की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि आज कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तेज गति के साथ विकास कर रहा भारत इस दशक के आखिर तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2047 तक पहले नंबर की अर्थव्यवस्था होगा.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों को देश की महान उपलब्धियों को पचाने (डाइजेस्ट करने) में दर्द होता है. वे यहां ‘मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (एमएनआईटी) में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. अपने संबोधन में धनखड़ ने किसी व्यक्ति या राज्य विशेष का नाम नहीं लिया.
उन्होंने कहा,”आज के समय क्या कोई कानून से ऊपर है? नहीं है ना. अगर कोई कानून से ऊपर है, अगर किसी को कानून से छूट है, चाहे वह कोई भी हो, तो हम विधि शासित समाज होने का दावा नहीं कर सकते. कुछ लोगों का भ्रम अब टूटकर चकनाचूर हो रहा है, लेकिन फिर भी कुछ बाकी है… कि हमें कानून का नोटिस क्यों मिल गया? और लोग सड़कों पर आ जाते हैं.” एक सरकारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और कानून के शिकंजे से कोई नहीं बच सकता.
उन्होंने कहा कि कानून के सामने यह समानता ही कुछ अभिजात्य लोगों को रास नहीं आती और जब उन्हें कानूनी नोटिस मिलता है तो वे सड़कों पर आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग एकत्र होकर, अपनी अभिजात्यता बचाने की आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन कानून का शिकंजा अवश्य कसेगा.
उन्होंने कहा कि एक दशक पहले भारत की विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में 10वें नंबर पर थे, लेकिन सितंबर 2022 में यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया जो एक बड़ी उपलब्धि है. उपराष्ट्रपति ने कहा,”कुछ लोगों को भारत की महान उपलब्धियों को पचाने में दर्द होता है. उनको सोचने की आवश्यकता है, यह वह भारत नहीं है जो पहले था, अब यह वह भारत है जो सदियों पहले था और जिसका 5000 साल का इतिहास है.” उन्होंने कहा कि कौन सा देश हमारे जैसी 5000 साल पुरानी सभ्यता होने का दावा और गर्व कर सकता है? यह हमारी उपलब्धि है और दशक के अंत तक भारत तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था होगा.
उन्होंने कहा कि जब भारत 2047 में आजादी की शताब्दी मनाएगा, तो देश नंबर एक पर होगा और दुनिया यह जानती है. पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. उपराष्ट्रपति ने मौजूद विद्यार्थियों से कहा,”आप (युवा छात्रों) का भविष्य उज्ज्वल है. आप भाग्यशाली हैं. आप ऐसे समय के साक्षी हैं जब भारत इतना आगे बढ. रहा है जितना पहले कभी नहीं था. यह विकास अजेय है. आपके योगदान से इस विकास को और वास्तविक गति मिलेगी.”
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग अतार्किक बातें करते हैं कि भारत कोई ‘जीवंत’ लोकतंत्र’ नहीं है. उन्होंने कहा,”भारत बदल चुका है और बदलते भारत में कुछ लोग बेतुकी बातें करते हुए कहते हैं कि भारत जीवंत लोकतंत्र नहीं है. मुझे इससे पीड़ा होती है. मैं आप सभी से विश्लेषण करने और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देने की अपील करता हूं क्योंकि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां ग्राम स्तर, पंचायत स्तर, जिला परिषद स्तर, राज्य विधानसभा स्तर और संसद स्तर पर संवैधानिक लोकतंत्र है.” उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में यदि लोग बाहर जाकर यह कहें कि भारत में जीवंत लोकतंत्र नहीं है, तो यह भारत के राष्ट्रवाद और आपके भविष्य के साथ बदसलूकी है.
उन्होंने कहा, ”हम अपने संस्थानों और विकास को अपमानित करने और उनका उपहास उड़ाने वाली बातों (नैरेटिव) को प्रसारित होते रहने की अनुमति नहीं दे सकते.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ”अमेरिका में भारतीय प्रधानमंत्री की मौजूदगी बहुत प्रभावशाली है. अब हम वैश्विक नेतृत्व के समकक्ष हैं.ह्व उन्होंने संस्थान के डीन और विभागाध्यक्षों से संवाद किया. धनखड़ ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि एक अर्थशास्त्री इस देश में आए, आर्थिक मुख्य सलाहकार बने, फिर से गवर्नर बने और जब उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिला तो वे वापस चले गए.
उन्होंने कहा, ”सैद्धांतिक रूप से वे नहीं जानते थे इस देश में क्या हो रहा है, उन्होंने उन वैश्विक निवेशकों की अनदेखी की जो कह रहे थे कि हम तेजी से बढ.ती अर्थव्यवस्था हैं, और वह कहते हैं कि भारत वह बन गया जो उसे नहीं होना चाहिए था.” उन्होंने कहा कि एक नई संस्कृति आ गई है जिसमें कोई एक समय तक तो शपथ के अधीन काम करता रहता है, लेकिन पद छोड़ने के बाद वह देश को नीचा दिखाने वाली बातें करता है.