योगेश्वर ने कुश्ती ट्रायल में छूट पर सवाल उठाया, विनेश ने उन्हें बृजभूषण का पिछलग्गू करार दिया
नयी दिल्ली. लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने शुक्रवार को एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के लिए होने वाले ट्रायल से विरोध प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों को छूट देने को लेकर आईओए तदर्थ समिति पर निशाना साधा जिसके बाद विनेश फोगाट ने उन्हें भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का ‘पिछलग्गू’ करार दिया.
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) तदर्थ समिति ने 16 जून को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, उनकी पत्नी संगीता फोगाट, साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा को सूचित किया था कि उन्हें भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अपनी-अपनी श्रेणियों में ट्रायल के विजेताओं का मुकाबला करना होगा. समिति ने छह पहलवानों से यह भी वादा किया कि उनके अनुरोध के अनुसार उनका एक-मुकाबले वाला ट्रायल अगस्त में आयोजित किया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी के नेता योगेश्वर ने कहा कि भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली समिति ने ऐसा कदम उठाकर देश के जूनियर पहलवानों के साथ अन्याय किया है. उन्होंने ट्विटर पर जारी वीडियो में कहा, ”मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ट्रायल के बारे में निर्णय लेने में तदर्थ पैनल ने किन मानदंडों का पालन किया है. वह भी सभी छह पहलवानों के लिए.” योगेश्वर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए खेल मंत्रालय द्वारा नियुक्त छह सदस्यीय निरीक्षण समिति का हिस्सा थे. उन्होंने कहा कि अगर पैनल को ट्रायल के लिए छूट देनी थी तो कई अन्य योग्य उम्मीदवार भी थे.
उन्होंने कहा, ”रवि दहिया ओलंपिक रजत पदक और राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक विजेता भी हैं. दीपक पूनिया राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक विजेता हैं, अंशू मलिक विश्व चैम्पियनशिप का रजत पदक विजेता हैं, सोनम मलिक ने भी कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है.” उन्होंने कहा, ”मुझे समझ नहीं आता कि इन छह पहलवानों को छूट क्यों दी गई है. यह बिल्कुल गलत है. पिछले डब्ल्यूएफआई प्रणाली में भी ऐसा नहीं किया गया था.”
योगेश्वर पर निशाना साधते हुए विनेश ने ट्विटर पर लिखा, ”कुश्ती जगत को आपका बृजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा. महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना जोर मत लगाओ, बहुत पक्के इरादे हैं इनके. ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगाने से कमर न टूट जाए. रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो. तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो. जालिम के हक में खड़े हो, उसकी चापलूसी कर रहे हो.” एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में कई बार पदक जीत चुकी विनेश ने योगेश्वर की तुलना जयचंद से करते हुए कहा, ” जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौसले बुलंद रहेंगे.” इतिहास में कन्नौज के राजा जयचंद को पृथ्वीराज चौहान को हराने के लिए मोहम्मद गौरी के साथ साजिश रचने के लिए याद किया जाता है. विनेश ने इसके साथ ही योगेश्वर पर कई गंभीर आरोप लगाये.
उन्होंने लिखा, ”योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग में अटक गई. वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों समितियों का हिस्सा था. जब समिति के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगता. जब दो महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आयीं तो बाहर आकर उनको कहने लगा कि बृजभूषण का कुछ नहीं होगा, जाकर अभ्यास करो.” विनेश ने यह भी आरोप लगाया कि योगेश्वर ने महिला पहलवानों से समझौता करने और बृजभूषण के खिलाफ आरोप वापस लेने के लिए कहा.
उन्होंने दावा किया, ” एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीके से बोला कि ये सब तो चलता रहता है इसको इतना बड़ा मुद्दा मत बनाओ. कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ.” विनेश ने कहा, ” समिति की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया में बता दिये. उसने कई महिला पहलवानों के घर फोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो. वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के खिलाफ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों समितियों में रखा गया.”
विनेश ने कहा, ”वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा. सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है.” उन्होंने योगेश्वर पर भारतीय सेना के ‘जवानों’, छात्रों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के बारे में अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया. विनेश ने कहा कि योगेश्वर कोई चुनाव नहीं जीत पाए क्योंकि वह गद्दार और ‘जहरीला नाग’ है.
उन्होंने कहा, ”तुम समाज से गद्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुंह गिरे हो. मैं दावा करती हूं कि कभी जिंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे क्योंकि समाज जहरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसे कभी पैर नहीं लगने देता.” विनेश ने योगेश्वर को चेतावनी दी कि बेहतर होगा कि वह महिला पहलवानों की मानसिक दृढ़ता को तोड़ने की कोशिश न करें क्योंकि उन्हें उनके जैसे ‘असंवेदनशील व्यक्ति’ नहीं हरा सकता है. राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय योगेश्वर ने जूनियर पहलवानों, उनके कोच और अभिभावकों से इस अन्याय (प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को एक मैच का ट्रायल) के खिलाफ आवाज उठाने का आ”ान किया.
उन्होंने कहा, ”मैं सभी ग्रीको रोमन, पुरुष फ्रीस्टाइल और महिला पहलवानों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी आवाज उठाएं (इस भेदभाव के खिलाफ). आप भी धरने पर बैठे, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और आईओए को पत्र लिखें.” उन्होंने खाप पंचायतों, किसान संगठनों से घटनाक्रम पर ध्यान देने की अपील की और उनसे पहलवानों के इरादों को समझने को कहा. योगेश्वर ने कहा, ”खुद देखिये इस फैसले से किसे फायदा हो रहा है. यह विरोध प्रदर्शन यौन उत्पीड़न के खिलाफ था या इस तरह की छूट पाने के लिए आयोजित किया गया था. इन पहलवानों ने आईओए तदर्थ समिति से ट्रायल से छूट और देरी की मांग की है. यौन उत्पीड़न का मामला अदालत में है, दोषी को सजा दी जाएगी.”