केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे छत्तीसगढ़, CRPF के कार्यक्रम में होंगे शामिल

जगदलपुर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 84वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में पहली बार सीआरपीएफ का वार्षिक उत्सव आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम सीआरपीएफ कोबरा की 201वीं बटालियन के करनपुर शिविर में शनिवार सुबह आठ बजे आयोजित होगा.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि शाह शाम पांच बजे के बाद एक विशेष विमान से जगदलपुर विमानतल पर उतरे और हेलीकॉप्टर से यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर करनपुर शिविर के लिए रवाना हो गए. उन्होंने बताया कि राज्य के पूर्व मंत्री केदार कश्यप समेत बस्तर के भाजपा नेताओं और अर्धसैनिक बलों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री की अगवानी की.
अधिकारियों ने बताया कि शाह शिविर में अर्धसैनिक बलों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह वह वहां सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस में शामिल होंगे और फिर पड़ोसी सुकमा जिले के पोटकपल्ली गांव में एक सुरक्षा शिविर का दौरा करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि शाह के दौरे के मद्देनजर बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है. इसमें लगभग 3.25 लाख कर्मी कार्यरत हैं. यह बल वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल है.

बस्तर संभाग में सात जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर हैं. यहां पिछले तीन दशक से माओवादी समस्या है. सीआरपीएफ को दक्षिण बस्तर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है, जिसमें सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले शामिल हैं. यहां सीआरपीएफ के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने माओवादी के खिलाफ कार्रवाई की और यहां पर सुरक्षा बलों पर भी कई बड़े हमले हुए हैं.

इससे पहले दिन में संवाददाताओं से बात करते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ. सुजॉय लाल थाउसेन ने दावा किया कि नक्सलवाद धीरे-धीरे अपनी जमीन खो रहा है और बहुत जल्द सुरक्षा बल निर्णायक स्थिति में होंगे. उन्होंने कहा कि माओवादियों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ में तैनात सीआरपीएफ की बटालियनें माओवादी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाने में सफल रही हैं. अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में नागरिकों या अधिकारियों की हत्याओं में कमी आई है. उन्होंने आगे कहा कि सीआरपीएफ का काम युद्ध मोर्चों पर तैनात होने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक बेहतरी की दिशा में काम करना भी है.

महानिदेशक ने कहा, ‘‘हमें सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी काम करना है, सुरक्षा प्रदान करना है और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. इसलिए महिला बाइकर्स की एक टीम ने महिलाओं के उत्थान और उनके सशक्तिकरण के विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक रैली शुरू की है.’’ उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ की 75 महिला बाइकर्स ने नौ मार्च को इंडिया गेट, दिल्ली से आजादी की 75वीं वर्षगांठ- ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और महिला सशक्तिकरण की भावना लेकर एक बाइक रैली शुरू की.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों में 1,848 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद, बाइक रैली शनिवार को जगदलपुर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में समाप्त होगी. एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों को जरूरत के वक्त उचित इलाज नहीं मिल पाता है और इसलिए जगदलपुर में ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है.

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