भारत के साथ ‘फ्रेंडशोरिंग’ का रुख अपनाने में जुटा अमेरिका: येलेन

बेंगलुरु: अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने शनिवार को भारत को अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बताने के साथ ही आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को मजबूती देने के लिए ‘दोस्ताना रुख वाले आपूर्तिकर्ता’ (फ्रेंडशोंिरग) का रुख अपनाने की वकालत की।

येलेन ने यहां जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक से अलग अमेरिका और भारत के प्रौद्योगिकी व्यापारिक नेताओं की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुए फ्रेंडशोंिरग पर जोर दिया। फ्रेंडशोंिरग के तहत कच्चा माल एवं आपूर्ति शृंखला को भी साझा मूल्यों वाले देशों से ही मंगाया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2021 में हमारा द्विपक्षीय व्यापार 150 अरब डॉलर से पार कर गया। हमारे लोगों के बीच संबंध हमारे रिश्ते की गहराई की पुष्टि करते हैं। दो लाख भारतीय विद्यार्थी अमेरिका में शिक्षा ग्रहण करते हुए स्कूलों और विश्वविद्यालयों में जाते हैं। दैनिक आधार पर हम एक-दूसरे पर निर्भर हैं। भारतीय लोग संचार के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं तो अमेरिकी कंपनियां संचालन के लिए इन्फोसिस पर निर्भर हैं।’’

इस गोलमेज बैठक में इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि, आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल, इंटेल इंडिया की कंट्री हेड निवृति राय, फॉक्सकॉन इंडिया के कंट्री हेड जोश फौग्गर और विप्रो के चेयरमैन रिषद प्रेमजी समेत इस क्षेत्र की शीर्ष हस्तियां शामिल थीं।

अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा, “भविष्य के लिए मैं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपने संबंधों को सशक्त करने की इच्छुक हूं। अमेरिका अपनी आपूर्ति शृंखलाओं का लचीलापन बढ़ाने के लिए फ्रेंडशोंिरग का रवैया अपनाने की दिशा में अग्रसर है। हम इसे भारत जैसे अपने भरोसेमंद कारोबारी साझेदारों के साथ एकीकरण कर अंजाम दे रहे हैं। मसलन, गूगल और ऐप्पल जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत में अपने फोन उत्पादन को बढ़ा रही हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button