सूडान में फंसे भारतीयों का पहला जत्था नौसेना के जहाज से रवाना
नयी दिल्ली/जिनेवा/कोलंबो. हिंसाग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के अभियान ‘‘ आपरेशन कावेरी’ के तहत भारतीयों का जत्था आईएनएस सुमेधा पर सवार होकर वहां से जेद्दा के लिए रवाना हो गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने कहा कि जहाज 278 लोगों को लेकर सूडान के बंदरगाह से सऊदी अरब के शहर जेद्दा के लिए रवाना हुआ.
बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ आपरेशन कावेरी के तहत सूडान में फंसे भारतीयों का पहला जत्था रवाना हो गया. आईएनएस सुमेधा पर सवार होकर 278 लोग सूडान के बंदरगाह से जेद्दा के लिए रवाना हुए.’’ गौरतलब है कि भारत ने हिंसाग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए सोमवार को ‘‘आॅपरेशन कावेरी’’ शुरू किया.
सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए आॅपरेशन कावेरी शुरू हो गया है. भारतीय जहाज और विमान भारतीयों को स्वदेश लाने के लिये तैयार हैं.
ज्ञात हो कि रविवार को भारत ने कहा था कि ंिहसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को इस अफ्रीकी देश से सुरक्षित रूप से निकालने की अपनी आकस्मिक योजना के तहत जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार रखे गए हैं. साथ ही, भारतीय नौसेना के एक जहाज आईएनएस सुमेधा को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बंदरगाह पर रखा गया था.
शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आकस्मिक योजनाओं की तैयारी के निर्देश दिये थे. सूडान में वहां की सेना और एक अर्द्धसैनिक समूह के बीच पिछले 12 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
श्रीलंका ने अपने नागरिकों को सूडान से निकालने में मदद की पेशकश के लिए भारत की प्रशंसा की
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने सूडान से श्रीलंकाई नागरिकों को सुरक्षित तरीके से निकालने में मदद की पेशकश करने के लिए मंगलवार को भारत को धन्यवाद दिया. मंत्री ने साथ ही यह उम्मीद भी जतायी कि श्रीलंकाई नागरिकों को अगले कुछ दिनों में संकटग्रस्त अफ्रीकी देश से स्थानांतरित कर लिया जाएगा. श्रीलंकाई नागरिकों को निकालने के लिए भारत द्वारा समर्थन की पेशकश की सराहना करने के लिए साबरी ने ट्वीट किया.
साबरी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम सूडान में श्रीलंकाई लोगों की स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और उनकी सुरक्षित निकासी पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.” मंत्री ने कहा, “हम इस संबंध में भारत द्वारा समर्थन की पेशकश की सराहना करते हैं. हमें विश्वास है कि हमें यह अगले कुछ दिनों में मिल जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि श्रीलंका सूडान में जारी ंिहसा के बारे में ंिचतित है और सभी पक्षों से शत्रुता समाप्त करने का आ’’ान करता है. मंत्री ने कहा, “शांतिपूर्ण वार्ता को प्राथमिकता देना एकमात्र व्यवहारिक और स्थायी समाधान है.’’
संयुक्त राष्ट्र को संघर्ष विराम के बावजूद सूडान में और विस्थापन होने की आशंका
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने सूडान पर नियंत्रण को लेकर युद्धरत दो जनरल के बीच एक संघर्ष विराम होने के बावजूद देश से और अधिक लोगों का विस्थापन होने की मंगलवार को आशंका जताई. इस लड़ाई ने अफ्रीकी देश में अव्यवस्था पैदा कर दी है. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) की प्रवक्ता ओल्गा सरादो ने मंगलवार को कहा कि देश में 15 अप्रैल को झड़पें शुरू होने के बाद से कम से कम 20,000 सूडानियों ने भाग कर चाड में शरण ली है और करीब 4,000 दक्षिण सूडानी शरणार्थी स्वदेश लौट गये हैं, जो सूडान में रह रहे थे.
उन्होंने इस आंकड़े के बढ़ने की आशंका जताई. यूएनएचसीआर ने यह उल्लेख किया कि अज्ञात संख्या में सूडानी नागरिक मिस्र पहुंच रहे हैं. उन्होंने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की एक ब्रींिफग में कहा, ‘‘लड़ाई से देश के अंदर-बाहर और भी विस्थापन होने की आशंका है.’’ उल्लेखनीय है कि 80,000 से अधिक दक्षिण सूडानी शरणार्थी सूडान में रह रहे हैं, जिसका एक चौथाई हिस्सा राजधानी खार्तूम में रह रहा है, जहां वे लड़ाई से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने कहा है कि लड़ाई ने हजारों गर्भवती महिलाओं के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इनमें 24,000 ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं, जिनका आगामी हफ्तों में प्रसव होना है. इंटरनेशनल कमेटी आॅफ रेड क्रॉस ने रमजान के आखिरी हफ्ते में हुए संघर्ष विराम का स्वागत किया है. इस कदम ने सैकड़ों राजनयिकों, सहायतार्किमयों और अन्य विदेशियों की निकासी का मार्ग प्रशस्त किया.