चीन के रक्षा मंत्री इस सप्ताह SCO बैठक में भाग लेने करेंगे भारत का दौरा
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को ‘‘तेजी’’ से हल करने को लेकर सहमत हुए भारत और चीन: चीन रक्षा मंत्रालय
बीजिंग. चीन ने मंगलवार को कहा कि रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27 अप्रैल से एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए इस सप्ताह भारत का दौरा करेंगे. दौरे के दौरान ली की रक्षा मंत्री राजनाथ ंिसह के साथ वार्ता होने की उम्मीद है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनंिफग के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जनरल ली की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के मध्य तनावपूर्ण गतिरोध के बीच हो रही है.
चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आमंत्रण पर चीनी स्टेट काउंसलर और रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27-28 अप्रैल से नयी दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की परिषद् की बैठक में भाग लेंगे.’’ बयान में कहा गया, ‘‘बैठक के दौरान, जनरल ली सम्मेलन को संबोधित करेंगे और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय हालात के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग के मुद्दों पर संवाद करने एवं विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए संबंधित देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों से मिलेंगे.’’
जनरल ली के रक्षा मंत्री ंिसह के साथ द्विपक्षीय बैठक करने और गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य तथा कूटनीतिक वार्ता की प्रगति पर चर्चा करने की संभावना है. जनरल ली के दौरे से पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय ने 23 अप्रैल को चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर आयोजित चीन-भारत कोर कमांडर स्तरीय बैठक के 18वें दौर के बारे में सकारात्मक बात की.
चीन ने कहा है कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम करने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित ‘‘प्रासंगिक मुद्दों’’ के समाधान को ‘‘तेज’’ करने पर सहमत हुए हैं. रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मैत्रीपूर्ण और स्पष्ट विचारों का आदान-प्रदान हुआ.
बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर, दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड पर प्रासंगिक मुद्दों के निपटारे में तेजी लाने, सीमाई इलाकों में अमन-चैन बनाए रखने पर सहमत हुए.’’ चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ ंिनग ने सोमवार को बींिजग में मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया.
ंिनग ने कहा, ‘‘दोनों देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण आम समझ के अनुसार, दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया.’’ विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ ‘‘प्रासंगिक’’ मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने ‘‘स्पष्ट और गहन’’ चर्चा की.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष करीबी संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए.’’ दो मार्च को, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नयी दिल्ली में जी-20 के एक सम्मेलन के मौके पर अपने चीनी समकक्ष छिन कांग के साथ बातचीत की. वार्ता में, जयशंकर ने छिन को बताया कि भारत-चीन संबंधों की स्थिति ‘‘असामान्य’’ है.
रविवार की सैन्य वार्ता दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच अंतिम दौर की बातचीत के करीब चार महीने बाद हुई है. जून 2020 में गलवान घाटी में ंिहसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव उत्पन्न हो गया था . लगातार सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे तथा गोगरा क्षेत्र में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को ‘‘तेजी’’ से हल करने को लेकर सहमत हुए भारत और चीन: चीन रक्षा मंत्रालय
चीन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारी ताजा दौर की वार्ता में सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित ‘‘प्रासंगिक मुद्दों’’ को ‘‘तेजी’’ से हल करने को सहमत हुए हैं.
चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक का 18वां दौर 23 अप्रैल को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी क्षेत्र की ओर स्थित चुशुल-मोल्डो सीमा केंद्र पर हुआ. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की 27 तथा 28 अप्रैल को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की भारत यात्रा से पहले वार्ता आयोजित की गई.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बयान में कहा, ‘‘ प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच दोस्ताना व स्पष्ट बातचीत हुई.’’ बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर दोनों पक्ष सैन्य तथा राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क तथा संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को गति देने और सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत हुए.’’ चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ंिनग ने सोमवार को बींिजग में पत्रकारों को बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर गहन चर्चा की.
ंिनग ने कहा, ‘‘ दोनों देशों के नेताओं की आम समझ के अनुसार, दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने को लेकर गहन चर्चा की. संबंधित अधिकारी ही इस पर विस्तृत जानकारी दे सकते हैं.’’ विदेश मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर व गहन चर्चा की.
बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्ष सैन्य व राजनयिक चैनल के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने तथा शेष मुद्दों का परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालने की दिशा में काम करने को सहमत हुए. ’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर खुलकर और गहन चर्चा की, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखी जा सके जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम हो सके.’’
मंत्रालय के अनुसार, ‘‘दोनों देशों के नेताओं और मार्च 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से प्राप्त मार्गदर्शन के अनुरूप स्पष्ट चर्चा हुई. अंतरिम रूप से दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की.’’ गौरतलब है कि सरकार पूर्वी लद्दाख का उल्लेख पश्चिमी सेक्टर के रूप में करती है.