प्रधानमंत्री मोदी ने देखे काहिरा में गीजा के पिरामिड
काहिरा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को दुनिया के सात अजूबों में शामिल गीजा के पिरामिड देखने पहुंचे जिसे 4000 साल से भी पहले प्राचीन मिस्र के तीन फराओ (बादशाहों) ने बनवाया था. पिरामिड प्राचीन विश्व के सात अजूबों में से सबसे पुराना है, जिसका निर्माण 26वीं शताब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में लगभग 27 वर्षों की अवधि में हुआ था. यह एकमात्र ढांचा है, जो काफी हद तक मूल स्वरूप में बरकरार है.
काहिरा शहर के बाहर, गीजा नेक्रोपोलिस में अल-जिजा (गीजा) के पास नील नदी के पश्चिमी तट पर एक चट्टानी पठार पर बने चौथे राजवंश के तीन पिरामिड मानव सभ्यता के इतिहास के गौरवशाली समय का प्रतीक हैं. ‘गीजा के ग्रेट पिरामिड’ मिस्र का सबसे बड़ा पिरामिड है. यह पुराने साम्राज्य के चौथे राजवंश के शासक खुफू की कब्र पर बना है.
गीजा के पिरामिड-खुफू, खफरे और मेनकौर समेत मेम्फिस क्षेत्र के प्राचीन खंडहर को सामूहिक रूप से 1979 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. पिरामिड, एक बड़े परिसर का हिस्सा है, जिसमें पूजा स्थल, कब्रें और अन्य ढांचे हैं. ये प्राचीन मिस्र के फराओ (शासक) खुफू, खफरे और मेनकौर द्वारा बनवाए गए थे. अमेरिका की सफल राजकीय यात्रा के बाद, मोदी मिस्र की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दूसरे दिन पिरामिडों को देखने पहुंचे.