चुनावी गारंटी पर येदियुरप्पा के प्रदर्शन का आह्वान ”राजनीतिक हथकंडा” : सिद्धरमैया

बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा को कांग्रेस सरकार से चुनावी गारंटी लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने का ”कोई नैतिक अधिकार” नहीं है और उन्होंने इसे ”राजनीतिक हथकंडा” करार दिया.

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि कांग्रेस ने अतीत में सत्ता में रहते हुए अपने चुनावी वादे पूरे किए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार भी पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र में घोषित पांच गारंटी को लागू करने का निर्णय लिया है. सिद्धरमैया ने कहा, ”उन्हें (येदियुरप्पा) कौन सा नैतिक अधिकार है? वह पार्टी के (प्रदेश) अध्यक्ष थे, फिर मुख्यमंत्री बने, क्या उन्होंने (भाजपा के) घोषणापत्र में किए गए वादों को लागू किया? नहीं, जब ऐसा मामला है, तो उनके पास क्या नैतिक अधिकार है? उनके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है.”

मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ”जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हमने 2013 के घोषणापत्र (2013-18 तक सत्ता में रहते हुए) में किए गए सभी वादों को लागू किया. इस बार हमने पांच गारंटी का वादा किया. हमने पहले ही उन सभी को लागू करने का निर्णय ले लिया है.” उन्होंने कहा, ”येदियुरप्पा जो कुछ भी कर रहे हैं, वह केवल राजनीतिक हथकंडा है.”

येदियुरप्पा ने रविवार को घोषणा की थी कि भाजपा विधानमंडल के सत्र के दौरान विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध प्रदर्शन करेगी और राज्य में कांग्रेस नीत सरकार से अपनी चुनावी गारंटी लागू करने की मांग करेगी. उन्होंने कहा था कि वह चार जुलाई से ‘विधानसौध’ में गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे.

लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने का आह्वान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस को सत्ता में आए डेढ. महीने हो चुके हैं, लेकिन सरकार योजनाओं को लागू करने में लगातार देरी कर रही है. कर्नाटक विधानमंडल का सत्र 3 से 14 जुलाई तक निर्धारित है, जिसमें नयी सरकार बजट पेश करेगी.

कर्नाटक में कांग्रेस की ‘पांच गारंटी’ के तहत सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना ‘गृह ज्योति’, हर परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता देने की योजना ‘गृह लक्ष्मी’, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम मुफ्त चावल देने की योजना ‘गृह लक्ष्मी’, बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) को दो साल के लिए 1,500 रुपये देने की योजना ‘युवा निधि’ और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा की योजना ‘शक्ति’ शामिल हैं.

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