आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया की सोच बदल दी है भारत ने: राजनाथ सिंह

जम्मू. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के बड़े हिस्से से ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम’ (अफस्पा) हटा लिया गया है और उन्हें उस दिन का इंतजार है जब जम्मू कश्मीर में भी स्थायी शांति हो और यहां से भी इस कानून को हटाया जा सके. सिंह ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की सोच बदल दी है.

उन्होंने कहा, ”आज, उत्तर पूर्व के बड़े हिस्से से अफस्पा हटा लिया गया है. मैं उस दिन का प्रतीक्षा कर रहा हूं जब जम्मू कश्मीर में स्थायी शांति आएगी और यहां से भी अफस्पा हटा लिया जाएगा.” सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर ने लंबे समय तक आतंकवाद का दंश झेला है और यहां के लोग जानते हैं कि आतंकवाद का जहर समाज को कैसे खोखला बनाता है.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में दशकों से आतंकवाद का नेटवर्क संचालित हो रहा था. सिंह ने कहा, ”आज इस नेटवर्क को काफी हद तक कमजोर करके इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी है. हमने आतंकवादियों को मार गिराने के साथ आतंकवाद का वित्तपोषण बंद किया है, हथियारों तथा मादक पदार्थों की आपूर्ति रोकी है. भूमिगत आतंकियों के नेटवर्क को तबाह करने का काम जारी है जो यहां काम करते हैं.”

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के अनेक प्रावधान समाप्त किये जाने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर की आम जनता को लंबे समय तक मुख्य धारा से अलग रखा गया था, वहीं राष्ट्र-विरोधी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई में भी ये प्रावधान रोड़ा बनते थे. पाकिस्तान का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि सरकारी नीति की तरह आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे देशों को बहुत अच्छी तरह समझना होगा कि यह खेल लंबे समय तक नहीं चलेगा.

उन्होंने कहा, ”आज दुनिया के अधिकतर बड़े देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं.” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हाल में जारी संयुक्त बयान स्पष्ट दर्शाता है कि आज किस तरह भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की सोच बदल दी है.

सिंह ने कहा, ”इस संयुक्त वक्तव्य में स्पष्ट कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई होनी चाहिए जिनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन शामिल हैं.” उन्होंने कहा, ”इस संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान को उसकी सरजमीं में हो रही एक भी आतंकवादी गतिविधि को रोकना चाहिए और अपनी जमीन का इस्तेमाल इसके लिए नहीं होने देना चाहिए.” रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों और पठानकोट हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया.

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गयी: राजनाथ

पाकिस्तान को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत ताकतवर बनता जा रहा है और जरूरत पड़ी तो वह सीमा के इस पार भी मार सकता है और जरूरत पड़ी तो उस पार भी जा सकता है. जम्मू विश्वविद्यालय में एक सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि देश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने 2016 में सीमापार हुई ‘र्सिजकल स्ट्राइक’ और 2019 में हुई बालाकोट हवाई हमले का भी जिक्र किया.

रक्षा मंत्री ने कहा, ”भारत अब पहले जैसा भारत नहीं रहा. भारत ताकतवर बनता जा रहा है. जरूरत पड़ी तो भारत सीमा के इस पार भी मार सकता है और जरूरत पड़ी तो उस पार भी जा सकता है.” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृव में हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है और पहली बार न केवल देश, बल्कि दुनिया को पता चला है कि आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का क्या मतलब होता है.” सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने र्सिजकल स्ट्राइक का फैसला केवल 10 मिनट में ले लिया था.

उन्होंने कहा, ”पुलवामा और उरी दोनों ही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं थीं. प्रधानमंत्री ने (र्सिजकल स्ट्राइक करने का) फैसला लेने में केवल 10 मिनट लिये, जो उनके मजबूत दृढ.संकल्प को दिखाता है. हमारे बलों ने न केवल सीमा के इस ओर आतंकवादियों को ढेर किया, बल्कि उन्हें मार गिराने के लिये उस पार भी गए.” आतंकवादियों ने सितंबर 2016 में उरी में सेना के एक शिविर पर हमला किया था, जिसमें 19 जवान मारे गये थे. घटना के एक पखवाड़े बाद सीमापार ‘र्सिजकल स्ट्राइक’ को अंजाम दिया गया और आतंकवादियों के ‘लांच पैड’ तबाह कर दिये गये.

सीमा सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए अमेरिका से एमक्यू-9इ ड्रोन खरीदेगा और सौदा करने से पहले विनिर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स द्वारा पेश की गई “न्यूनतम कीमत” की तुलना अन्य देशों से की जाएगी.
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के मुद्दे पर सिंह ने एक बार फिर दोहराया कि भारत बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे का हल करना चाहता है. उन्होंने जोर दिया कि सरकार देश की सीमा और आत्म-सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं करेगी.

रक्षा मंत्री सिंह ने जम्मू में राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा, “हम कभी भी अपनी सीमाओं की पवित्रता का उल्लंघन नहीं होने देंगे.” उन्होंने कहा कि विवाद के हल के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत चल रही है. अमेरिका के साथ ड्रोन सौदे के संबंध में सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ड्रोन की खरीद लागत की तुलना जनरल एटॉमिक्स द्वारा अन्य देशों को दी जाने वाली ”न्यूनतम कीमत” से करेगा और स्थापित खरीद प्रक्रिया का पालन करके ही अधिग्रहण को अंतिम रूप दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया वाशिंगटन यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने ड्रोन सौदे पर मुहर लगाई.

सिंह ने अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद से जुड़ी कीमत और अन्य शर्तों को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया. उनकी इस टिप्पणी से एक दिन पहले, रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका से एमक्यू-9बी ड्रोन खरीद की लागत और विभिन्न शर्तों को अंतिम रूप अभी दिया जााना बाकी है.

मंत्रालय ने सोशल मीडिया के एक हिस्से में आई खबरों को खारिज करते हुए एक बयान में कहा, ”रक्षा मंत्रालय निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स द्वारा अन्य देशों को दी जाने वाली सर्वोत्तम कीमत के साथ अधिग्रहण लागत की तुलना करेगा. कार्य प्रगति पर है और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पूरा कर लिया जाएगा.” पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के संबंध में, सिंह ने कहा कि चीनी सेना ने पहले से बने प्रोटोकॉल की अनदेखी की और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश की.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने भारतीय सेना की वीरता और प्रतिबद्धता की सराहना की, जिसने यथास्थिति को बदलने के चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के प्रयासों को रोक दिया. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का उससे कोई लेना-देना नहीं है और उसने क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है.

सिंह ने कहा, “भारतीय संसद ने कम से कम तीन प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए हैं जिनमें कहा गया है कि पीओके भारत का हिस्सा है.” सिंह ने भारत में एफ-414 लड़ाकू जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए अमेरिकी रक्षा प्रमुख जनरल इले्ट्रिरक एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच समझौते का भी उल्लेख किया.

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