जरूरत पड़ी तो भारत सीमा पार आतंकी नेटवर्क को निशाना बना सकता है: राजनाथ सिंह
सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है: राजनाथ
जम्मू. पाकिस्तान को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत ताकतवर बनता जा रहा है और जरूरत पड़ी तो वह सीमा के इस पार भी मार सकता है और जरूरत पड़ी तो उस पार भी जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को पता चल गया है कि आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का क्या मतलब होता है. सिंह ने कहा, ”पुलवामा और उरी दोनों ही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं थीं.
प्रधानमंत्री ने (र्सिजकल स्ट्राइक करने का) फैसला लेने में केवल 10 मिनट लिये, जो उनके मजबूत दृढ.संकल्प को दिखाता है. हमारे सुरक्षा बलों ने न केवल सीमा के इस ओर आतंकवादियों को ढेर किया, बल्कि उन्हें मार गिराने के लिये उस पार भी गए.” जम्मू विश्वविद्यालय में एक राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि मुस्लिम देशों सहित दुनिया आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है. उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को ”कश्मीर का राग अलापने” से कुछ हासिल नहीं होगा और इसके बजाय उसे अपने हाल पर ध्यान देना चाहिए.
मंत्री ने 40 मिनट से अधिक के संबोधन में कहा कि भारत ने मोदी सरकार के तहत आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है और 2016 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार र्सिजकल स्ट्राइक और 2019 में बालाकोट हवाई हमले का जिक्र किया. रक्षा मंत्री ने कहा, ”भारत अब पहले जैसा भारत नहीं रहा. भारत ताकतवर बनता जा रहा है. जरूरत पड़ी तो भारत सीमा के इस पार भी मार सकता है और जरूरत पड़ी तो उस पार भी जा सकता है.”
उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृव में हमारी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है और पहली बार न केवल देश, बल्कि दुनिया को पता चला है कि आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का क्या मतलब होता है.”
सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है: राजनाथ
राष्ट्रीय सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है क्योंकि देश आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहता. सिंह ने साथ ही कहा कि सरकार देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने यहां एक राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” है. उन्होंने कहा, ”सेना को नवीनतम हथियारों और आधुनिक तकनीक से लैस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.” उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बल सीमाओं और समुद्र की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं. उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य अपने सशस्त्र बलों को आधुनिक सेनाओं की अग्रिम पंक्ति में लाना है.”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर रूपरेखा की विस्तार से चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चार निर्देशक सिद्धांतों पर काम कर रही है, जिसमें देश को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के खतरों से निपटने में सक्षम बनाना और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर कार्रवाई करना शामिल है.
मंत्री ने कहा कि प्रगति के लिए देश के भीतर सुरक्षित स्थितियां बनाना, लोगों के जीवन में सुधार लाना और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करना तथा आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने के लिए मित्र देशों के साथ माहौल बनाना अन्य दो सिद्धांत हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत के सुरक्षा परिदृश्य में मूलभूत बदलाव आया है. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया, जिसमें सीमा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करना शामिल है.
जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी. हालांकि, उन्होंने इस बारे में किसी विशेष समयसीमा का जिक्र नहीं किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि सरकार क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटाने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा तय नहीं कर सकती.
‘पीटीआई-भाषा’ के इस सवाल पर कि केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कब होगा, सिंह ने कहा, ”संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद हमारा उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में यथाशीघ्र सामान्य स्थिति बहाल करना है. हम इस क्षेत्र में जल्द से जल्द लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि यहां के लोगों की लंबे समय से चली आ रहीं आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके.” उन्होंने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कोई सटीक समयसीमा नहीं दे सकते. हालांकि, उन्होंने विश्वास जताया कि इस प्रक्रिया में अनावश्यक देरी नहीं होगी.
सिंह ने कहा, ”मैं कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं बता सकता, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यह एक लंबी प्रक्रिया नहीं होगी. मैं विश्वास के साथ यही कह सकता हूं.” जम्मू में एक सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ”आज पूर्वोत्तर के बड़े हिस्से से आफस्पा हटा दिया गया है. मैं उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं जब जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति स्थापित होगी और इस क्षेत्र से भी आफस्पा हटाया जा सकता है. लेकिन मैं आपको कोई समयसीमा नहीं दे सकता.”
हिंसा प्रभावित मणिपुर में जमीनी हालात का आकलन करने के लिए वहां सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की विपक्ष की मांग से जुड़े सवालों पर रक्षा मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय इस मामले में उचित निर्णय लेगा. चीन की ओर से पाकिस्तान को सीमा पर अवसंरचना तैयार करने के लिए मिल रही मदद से जुड़ी चिंता के संबंध में सिंह ने कहा, ”हम इस तरह की चुनौतियों से निपटने की क्षमता रखते हैं. हम नि:संदेह इस तरह की चुनौतियों से निपट लेंगे.”