अमृतपाल सिंह के नेपाल में छिपे होने की आशंका, भागने न देने का भारत का नेपाल से अनुरोध
काठमांडू. भारत ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह भगोड़े कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दे और यदि वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके भागने का प्रयास करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाये. मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गयी है. ऐसा माना जा रहा है कि अमृतपाल नेपाल में छिपा है.
‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार ने खबर दी है कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को वाणिज्य सेवा विभाग को भेजे पत्र में यहां की विभिन्न सरकारी एजेंसी से अनुरोध किया है कि यदि अमृतपाल नेपाल से भागने की कोशिश करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए. स्थानीय भारतीय मिशन से इस पत्र के बारे में तत्काल कोई पुष्टि नहीं हो सकी है. अखबार ने एक पत्र का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सिंह फिलहाल नेपाल में छिपा हुआ है.’’ अखबार ने संबंधित पत्र की एक प्रति उसके पास होने का दावा किया है.
समाचार-पत्र ने कहा है, ‘‘सम्मानित मंत्रालय से अनुरोध किया जाता है कि वह आव्रजन विभाग को सूचित करे कि अमृतपाल सिंह को नेपाल के माध्यम से किसी तीसरे देश की यात्रा करने की अनुमति न दी जाये और यदि वह इस मिशन की सूचना के तहत भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके नेपाल से भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए.’’
अखबार ने कई स्रोतों का हवाला देते हुए कहा कि पत्र और सिंह के व्यक्तिगत विवरण को होटल से लेकर एयरलाइंस तक सभी संबंधित एजेंसी को भेज दिया गया है. माना जाता है कि सिंह के पास अलग-अलग पहचान वाले कई पासपोर्ट हैं. पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, तभी से वह फरार है. कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल ने पुलिस को भी चकमा दे दिया और पंजाब के जालंधर जिले में उसके काफिले को रोके जाने के बावजूद वह पुलिस के जाल से बच निकलने में कामयाब रहा.
इस बीच, गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र में ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का निर्देश दिया है. मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ‘माय रिपब्लिका’ अखबार ने कहा है कि यह निर्देश भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के अनुरोध पर दिया गया है और नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र को दो दिनों के लिए ‘हाई अलर्ट’ पर रखा गया है. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमावर्ती इलाके में सादे कपड़ों में पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है, क्योंकि सिंह पश्चिमी नेपाल के कपिलवस्तु से देश में प्रवेश कर सकते हैं.
रासुका के तहत हिरासत में लिया गया एक और सहयोगी, अमृतपाल सिंह की नई तस्वीर सामने आई
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की उसके प्रमुख सहयोगी पापलप्रीत सिंह के साथ एक नई तस्वीर सोमवार को सोशल मीडिया पर सामने आई, वहीं एक अन्य घटनाक्रम में कट्टरपंथी उपदेशक के एक और करीबी सहयोगी को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में ले लिया गया.
गत 18 मार्च को पंजाब में कट्टरपंथी उपदेशक और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू होने के बाद से अमृतपाल सिंह लापता है. अधिकारियों ने कहा कि संबंधित तस्वीर खालिस्तान समर्थक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के एक दिन बाद की है, जिसमें दोनों लोग आरामदेह मुद्रा में दिखते हैं और अमृतपाल सिंह पेय पदार्थ की कैन पकड़े नजर आता है.
वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी वंिरदर सिंह उर्फ ??फौजी को अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने धर दबोचा.
पुलिस ने कहा कि वह अमृतपाल के निजी सुरक्षा दस्ते का हिस्सा था. इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वंिरदर सिंह पर रासुका लगाया गया है और उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा है, जहां अमृतपाल सिंह के कुछ कथित सहयोगी पहले से ही संबंधित कानून के तहत बंद हैं.
तस्वीर में दिख रहा पापलप्रीत सिंह अमृतपाल सिंह का मार्गदर्शक बताया जाता है. वह कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था. इस तस्वीर में अमृतपाल सिंह जैकेट, पगड़ी और चश्मा पहने नजर आता है. उसके पास बैठा उसका साथी स्वेटशर्ट पहने दिखाई देता है.
गिरफ्तार साथी की रिहाई के लिए अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के अमृतसर के पास स्थित अजनाला थाने में घुसने के लगभग तीन सप्ताह बाद पुलिस अभियान शुरू हुआ. पुलिस ने पहले कहा था कि अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह को 19 मार्च को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में एक महिला ने कथित तौर पर अपने घर में शरण दी थी. पच्चीस मार्च को एक सीसीटीवी फुटेज में अमृतपाल सिंह कथित तौर पर मोबाइल फोन पर बात करते दिखा था. अमृतपाल 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस के जाल से बच निकला था.
उसके और उसके सहयोगियों के खिलाफ वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसर्किमयों पर हमले और लोकसेवकों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक आरोपों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि उसने एहतियातन हिरासत में लिए गए 353 लोगों में से 197 लोगों को रिहा कर दिया है.