केजरीवाल के खिलाफ भड़काऊ बयान, पुलिस के समक्ष पेश हुयी अलका लांबा, कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
रूपनगर. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कथित ‘‘भड़काऊ बयान’’ के मामले में तलब की गयीं कांग्रेस नेता अलका लांबा बुधवार को यहां पुलिस के सामने पेश हुईं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस नेता से पूछताछ नहीं की क्योंकि मामले से संबंधित ‘केस फाइल’ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पास है जो आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. कुमार के खिलाफ 12 अप्रैल को रूपनगर के सदर थाने में एक मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने अलका से कहा कि उन्हें पुलिस के समक्ष पेश होने के लिये दूसरी तारीख दी जायेगी.
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले विश्वास ने केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था. अलका लांबा पर विश्वास के बयान का समर्थन करने का आरोप है . प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमंिरदर सिंह राजा वडिंग की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने रूपनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आप सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
उन्होंने राज्य सरकार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहने पर बदले की राजनीति करने का भी आरोप लगाया.
पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा, विधायकों-सुखंिजदर सिंह रंधावा, राजकुमार चब्बेवाल, सुखविंदरसरकारिया, तृप्त राजिंदर बाजवा, पूर्व मंत्रियों भारत भूषण आशु, बलवीर सिद्धू, गुरकीरत सिंह कोटली और पंजाब युवा कांग्रेस अध्यक्ष बंिरदर ढिल्लों समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता लांबा के साथ थे जब वह पुलिस के समक्ष पेश होने के लिये रूपनगर पहुंची थीं.
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये वडिंग ने पंजाब की आप सरकार पर बरसते हुये आरोप लगाया कि यह पुलिस का ‘दुरूपयोग’ कर रही है. उन्होंने कहा कि लांबा के समर्थन में पूरा प्रदेश नेतृत्व रूपनगर आया है. राजा ने कहा, ‘‘हम अपनी बहन (लांबा) के खिलाफ किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’ उन्होंने लांबा को तलब करने को ‘विशुद्ध रूप से प्रतिशोध की राजनीति’ करार दिया .
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी रूपनगर पहुंचे, हालांकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने मीडियार्किमयों से बात की और पार्टी नेताओं से मिले बिना ही चले गए. उन्होंने रूपनगर एसएसपी कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप (आम आदमी पार्टी) अलका लांबा को डराने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब के लोग हमेशा अपनी बेटियों और बहनों के साथ खड़े रहे हैं. हम सभी उनके साथ खड़े हैं.’’ उन्होंने आप पर पुलिस का दुरूपयोग करके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से बदला लेने का आरोप लगाया .
सिद्धू ने केजरीवाल के साथ हुए समझौते को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान पर भी निशाना साधा और उन पर पंजाब को गिरवी रखने का आरोप लगाया. सिद्धू ने कहा, ‘‘आप (मान) की स्थिति दयनीय है. आपके हाथ में कुछ भी नहीं है. आप एक ‘रबर दा गुड्डा’ (रबर का खिलौना) हैं.’’ कांग्रेस नेता ने मान पर सिर्फ घोषणाएं करने और किसी चुनावी वादे को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया.
विरोध प्रदर्शन के दौरान, एसएसपी कार्यालय में कांच का एक दरवाजा क्षतिग्रस्त हो गया क्योंकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबरन परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की. इसके बाद वडिंग, प्रताप बाजवा, तृप्त राजिंदर बाजवा और लांबा को प्रवेश की अनुमति दी गई.
इसके बाद पुलिस ने उन्हें बताया कि ‘केस फाइल’ अदालत में है इसलिए लांबा से कोई पूछताछ नहीं हो सकती है.
इसके बाद लांबा को सदर थाना जाने के लिए कहा गया जहां मामला दर्ज किया गया था. इस दौरान कांग्रेस के नेतागण उनके साथ थे.
वडिंग ने कहा, ‘‘पुलिस ने हमें बताया कि पूछताछ (लांबा से) नहीं की जा सकती क्योंकि फाइल उच्च न्यायालय के पास है . पुलिस ने (लांबा को) सदर पुलिस स्टेशन में (उनकी) उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी कहा.’’ प्रताप बाजवा ने कहा, ‘‘पूरे नेतृत्व और लांबा जी को दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार कराया गया और फिर कहा गया कि फाइल उच्च न्यायालय के पास है. अब उन्हें (लांबा) फिर से बुलाया जाएगा.’’ लांबा ने पत्रकारों से बात करते हुए आप सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ पुलिस का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया.