भाजपा के साथ गठबंधन जारी, अन्नामलाई के साथ कोई मतभेद नहीं : पालानीस्वामी
नयी दिल्ली/चेन्नई. अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पाडी के पालानीस्वामी (ईपीएस) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन जारी है और उसकी तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई के साथ कोई मतभेद नहीं हैं. अन्नाद्रमुक प्रमुख की टिप्पणी दोनों दलों के बीच कथित मतभेदों की खबरों की पृष्ठभूमि में आई है. अन्नाद्रमुक और भाजपा ने 2019 के संसदीय चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव सहयोगी के तौर पर लड़े थे.
अन्नाद्रमुक नेता राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के एक दिन बाद चेन्नई में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था और यह 2021 में (तमिलनाडु) विधानसभा चुनावों के दौरान जारी रहा, साथ ही इरोड उपचुनाव (इस साल की शुरुआत में) में भी. यह (गठबंधन) जारी रहेगा.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या बुधवार रात शाह के साथ बैठक में अन्नामलाई के साथ उनके ‘मतभेदों’ का मुद्दा उठा, तो ईपीएस ने सवाल को ‘गलत’ बताया. पलानीस्वामी ने आरोप लगाया, ‘‘हमें अन्नामलाई से कोई समस्या नहीं है. अगर ऐसा होता तो क्या वह (हाल के) इरोड ईस्ट उपचुनाव के दौरान प्रचार करते? केवल मीडिया ही ऐसे सवाल पूछ रहा है ताकि दरार पैदा की जा सके.’’ उन्होंने कहा कि चाहे अन्नाद्रमुक हो या भाजपा, हर कोई अपनी पार्टी के विकास को सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा.
उन्होंने कहा ‘‘द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन के विपरीत, हमारे गठबंधन में वे पार्टियां हैं जो स्वतंत्र रूप से काम करती हैं. हर किसी की अपनी विचारधारा होती है और उसी के अनुसार वह काम करेगा. गठबंधन के रूप में हम एकजुट होकर काम करेंगे और अन्नाद्रमुक की नीति गठबंधन दलों के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करना है.’’ संयोग से, अन्नामलाई ने बुधवार देर रात शाह और नड्डा के साथ ईपीएस की बैठक की एक तस्वीर ट्वीट की थी, जिसमें तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष भी मौजूद थे.
भाजपा नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान पालानीस्वामी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एस.पी. वेलुमणि, सी. वी.षणमुगम, पी. थंगामणि, के. पी. मुनुसामी और डी. जयकुमार भी थे. उनके प्रतिद्वंद्वी और अपदस्थ पार्टी नेता ओ पन्नीरसेल्वम को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में ईपीएस ने आरोप लगाया कि वह सत्तारूढ़ द्रमुक की ‘बी-टीम’ के रूप में काम कर रहे थे.