आबकारी घोटाला : दिल्ली की अदालत ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ाई

अदालत सिसोदिया की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुना सकती है फैसला

नयी दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में बृहस्पतिवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी. विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को यह निर्देश भी दिया कि वह 25 अप्रैल को एजेंसी द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र की ई-कॉपी सिसोदिया को मुहैया कराए.

सिसोदिया के वकील ने सुनवाई के दौरान अदालत से आप नेता को वैधानिक/स्वाभाविक जमानत देने का आग्रह किया. अधिवक्ता ऋषिकेश ने दावा किया कि जांच एजेंसी ने मामले में अधूरी जांच रिपोर्ट दी है. वकील द्वारा अधूरी जांच करने का तर्क तब दिया गया जब एजेंसी की ओर से कहा गया कि मामले की जांच अभी जारी है.

पीठ ने एजेंसी से कहा, ‘‘आप कहते हैं कि आपने (निर्धारित समय में) पूरक आरोप पत्र दायर किया है, लेकिन आपने कहा है कि मामले में जांच लंबित है. आपने यह उल्लेख क्यों नहीं किया कि सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी होने पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है.’’ इसके पहले अदालत ने 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. तब अदालत ने कहा था कि फिलहाल सिसोदिया की रिहाई ‘जांच पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी’.

अदालत सिसोदिया की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुना सकती है फैसला

यहां की एक अदालत कथित आबकारी नीति घोटाला से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को फैसला सुना सकती है. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया की उस याचिका पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसमें दावा किया गया है कि जांच के लिए उनकी हिरासत की जरूरत नहीं है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत अर्जी का विरोध किया था. ईडी ने कहा था कि जांच ‘महत्वपूर्ण’ चरण में है और आप के वरिष्ठ नेता ने यह दिखाने के लिए मनगढ़ंत ई-मेल तैयार किये थे कि नीति को सार्वजनिक स्वीकृति हासिल थी.

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