दो श्रावण मास होने के चलते इस वर्ष अमरनाथ यात्रा का अधिक महत्व: महंत गिरि

श्रीनगर. छड़ी मुबारक के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि ने मंगलवार को कहा कि एक जुलाई से शुरू होने वाली आगामी अमरनाथ यात्रा का इस बार अधिक महत्व है क्योंकि इस वर्ष दो श्रावण हैं जो कि 19 साल बाद एक असाधारण खगोलीय घटना है. इस वर्ष, श्रावण महीना 4 जुलाई को शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा. श्रावण को सावन के नाम से भी जाना जाता है और यह इस वर्ष 59 दिनों का होगा और इसमें आठ ‘सावन’ सोमवार होंगे. हर साल सामान्य तौर पर सावन में चार सोमवार होते हैं.

महंत दीपेंद्र गिरि ने छड़ी मुबारक से संबंधित कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा, ”इस वर्ष की तीर्थयात्रा अधिक महत्व रखती है क्योंकि इस वर्ष ‘श्रावण’ दो महीने का है और यह असाधारण खगोलीय घटना 19 साल बाद हो रही है.” उन्होंने कहा कि सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, वार्षिक तीर्थयात्रा की शुरुआत से जुड़े अनुष्ठान ‘भूमि-पूजन’, ‘नवग्रह पूजन’ और ‘ध्वजारोहण’ पहलगाम में सोमवार, तीन जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा) पर किया जाएगा, जो यात्रा का पारंपरिक मार्ग है.

गिरि ने कहा कि छड़ी मुबारक को 16 अगस्त को यहां स्थित ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर और एक दिन बाद शारिका भवानी मंदिर ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘छड़ी स्थापना’ अनुष्ठान 19 अगस्त को यहां श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा में किया जाएगा.
इक्कीस अगस्त को ‘नाग पंचमी’ पर दशनामी अखाड़ा, श्रीनगर में ‘छड़ी पूजन’ करने के बाद, गिरी छड़ी मुबारक लेकर अमरनाथ गुफा मंदिर में ‘पूजन’ के लिए जाएंगे और ‘श्रावण पूर्णिमा’ पर अर्थात 31 अगस्त सुबह-सुबह ‘दर्शन’ करेंगे.

गिरि ने कहा कि छड़ी मुबारक यात्रा का 26 अगस्त और 27 अगस्त को पहलगाम में, 28 अगस्त को चंदनवारी में, 29 अगस्त को शेषनाग में और 30 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम होगा. उन्होंने छड़ी मुबारक यात्रा में शामिल होने का इरादा रखने वाले साधुओं और नागरिक समाज के सदस्यों को पंजीकरण कराने की सलाह देते हुए कहा कि केवल वैध यात्रा परमिट के साथ पंजीकृत लोगों को ही तीर्थयात्रा की अनुमति दी जाएगी.

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