राउत ने BRS को BJP की ‘बी-टीम’ बताया; KCR ने कहा, ‘वह किसानों, अल्पसंख्यकों, दलितों की टीम है’
पंढरपुर. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की मंगलवार को महाराष्ट्र के पंढरपुर की यात्रा को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को भाजपा की ‘बी-टीम’ बताया.
पंढरपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर सरकोली गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए राव ने इस आरोप का प्रतिवाद करते हुए कहा कि वह किसानों, हाशिए पर रहने वाले समुदायों, अल्पसंख्यकों और दलितों की टीम है. साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि उनकी पार्टी के पड़ोसी राज्य में विस्तार के प्रयासों पर इतना हंगामा क्यों बरपा है.
‘केसीआर’ के नाम से लोकप्रिय राव और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी 600 वाहनों के काफिले में सोमवार को पंढरपुर पहुंचे. उन्होंने 29 जून को आषाढ़ी एकादशी से पहले मंगलवार को शहर के विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना की. मुंबई में, राउत ने पत्रकारों से कहा कि बीआरएस का महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस सहित महा विकास आघाड़ी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने और वोटों को विभाजित करने के अलावा कोई अन्य इरादा नहीं है.
राउत ने कहा, ”पिछले आठ-नौ वर्षों में मुख्यमंत्री के रूप में या जब वह आंध्र प्रदेश में मंत्री और केंद्र में मंत्री थे, तब उन्होंने कभी पंढरपुर की यात्रा नहीं की.” राउत ने पूछा, ”केसीआर किसे ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं? केसीआर मित्र हैं, लेकिन उन्हें यह तय करना होगा कि हम किसके खिलाफ लड़ रहे हैं.” राज्यसभा सदस्य ने दावा किया कि महाराष्ट्र की राजनीति पर बीआरएस का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और इस कदम से तेलंगाना में केसीआर को ही नुकसान होगा.
अपनी पंढरपुर यात्रा के बारे में राव ने कहा कि जब उन्होंने मंदिर में पूजा करने की योजना बनाई तो उन्हें राजनीति करने से बचने की सलाह दी गई. राव ने कहा, ”मैंने पंढरपुर में राजनीति पर चर्चा करने से परहेज किया. हालांकि, यहां मैं इसके बारे में बात करूंगा. मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि महाराष्ट्र में पार्टियों के बीच हमें लेकर इतना हंगामा क्यों है. वे हमसे क्यों डरते हैं, क्योंकि कोई भी पार्टी हमारी आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.”
राव ने बीआरएस पर अन्य पार्टियों की ‘बी-टीम’ का ठप्पा लगाने की प्रवृत्ति की निंदा की. राव ने कहा, ”कांग्रेस हमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बी-टीम कहती है, जबकि भाजपा हमें कांग्रेस की ए-टीम कहती है. हम किसी की टीम नहीं हैं. हम किसानों, हाशिए पर रहने वाले समुदायों, अल्पसंख्यकों और दलितों की टीम हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि बीआरएस सिर्फ तेलंगाना से जुड़ी एक क्षेत्रीय पार्टी नहीं, बल्कि भारत में बदलाव लाने के मिशन वाली एक राष्ट्रीय पार्टी है. राव ने कहा कि महाराष्ट्र की हर बड़ी पार्टी को राज्य पर शासन करने का अवसर मिला है.
राव ने कहा, ”कांग्रेस ने (महाराष्ट्र में) 50 वर्षों तक शासन किया. आपने राकांपा, भाजपा और शिवसेना को मौका दिया. यदि वे वास्तव में राज्य के कल्याण के लिए काम करना चाहते थे, तो उनमें से कम से कम एक ऐसा कर सकता था.” बीआरएस प्रमुख ने कहा कि तेलंगाना में सफलतापूर्वक शुरू की गई योजनाओं को महाराष्ट्र में आसानी से लागू किया जा सकता है. उन्होंने सवाल किया कि महाराष्ट्र, तेलंगाना द्वारा लागू किसान-केंद्रित कल्याण कार्यक्रमों को क्यों नहीं दोहरा सका? राव ने कहा कि दावे किए जा रहे हैं कि तेलंगाना में जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वह ‘भूलभुलैया’ है और अगर महाराष्ट्र उनकी योजनाओं को लागू करता है, तो राज्य दिवालिया हो जाएगा. उन्होंने कहा, ”मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि हां, दिवाला होगा…यह राजनीतिक नेताओं का होगा. लेकिन किसानों के लिए दिवाली होगी.”
सरकोली गांव में राव के कार्यक्रम में राकांपा नेता भागीरथ भालके बीआरएस में शामिल हुए. वह पंढरपुर विधानसभा सीट से पूर्व राकांपा विधायक दिवंगत भरत भालके के बेटे हैं. भरत भालके के निधन के बाद 2021 में हुए उपचुनाव में राकांपा ने भागीरथ को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सीट भाजपा के समाधान आवताडे ने जीत ली. राव ने पिछले महीने महाराष्ट्र में शहरी निकायों के 45,000 से अधिक गांवों में बीआरएस का विस्तार करने के लिए एक महीने के कार्यक्रम की घोषणा की थी.
रैली में राव ने कहा कि बीआरएस एकमात्र पार्टी है जो ‘अबकी बार किसान सरकार’ का नारा लेकर आई है. उन्होंने कहा, ”अब जब किसान खुद को बीआरएस के साथ जोड़ रहे हैं, तो वे (विरोधी) डरे हुए हैं और इसीलिए वे कुछ भी बयान दे रहे हैं.” तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा, ”भारत को परेशान करने वाले मुद्दों का एकमात्र समाधान परिवर्तन है.”
उन्होंने कहा, अगर राष्ट्रीय स्तर पर उचित जल नीति हो तो देश की हर एकड़ जमीन सिंचाई के दायरे में आ सकती है. राव ने कहा, ”जल संबंधी पूरी नीति को बंगाल की खाड़ी में डाल देना चाहिए और एक नयी नीति बनानी चाहिए. तब बदलाव आएगा. पानी की उपलब्धता के बावजूद हम पानी से वंचित हैं.” उन्होंने दावा किया कि यदि जलविद्युत, सौर और ताप परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली का उचित संतुलन के साथ वितरण किया जाए तो सभी गांवों, शहरों और छोटे-बड़े उद्योगों को पर्याप्त बिजली मिलेगी. उन्होंने यह भी सवाल किया कि देश को ऑस्ट्रेलिया से कोयला आयात करने की आवश्यकता क्यों है जब देश में उपलब्ध कोयला भंडार 150 वर्षों तक चल सकता है.
राव ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे समृद्ध राज्य में किसानों की आत्महत्या के बारे में सुनकर उन्हें दुख होता है और तेलंगाना में उनकी सरकार 24 घंटे बिजली मुफ्त प्रदान करती है. उन्होंने कहा, ”हम दिल की गहराइयों से किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराते हैं, वोट के लिए नहीं और (केवल) चुनाव के समय नहीं.”
राव ने प्याज किसानों को पर्याप्त कीमत नहीं देने के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने सवाल किया कि पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भाजपा हार गई और कांग्रेस सत्ता में आ गई, लेकिन क्या कुछ बदल रहा है? राव ने कृषि संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए किसानों की एकता का भी आ”ान किया. उन्होंने कहा, ”यहां महाराष्ट्र में, किसानों को पेंशन के रूप में केवल 600 रुपये मिलते हैं, लेकिन तेलंगाना में हम 2,000 रुपये देते हैं. मैं सभी पेंशनभोगियों से बीआरएस सरकार को सत्ता में लाने की अपील करता हूं, हम पेंशन के रूप में 2,000 रुपये देंगे.”