समान नागरिक संहिता पर PM मोदी के रुख की आलोचना पर BJP ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया
नयी दिल्ली. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के रुख की आलोचना करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि यह संविधान में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत के तौर पर है और इस संबंध में उच्चतम न्यायालय का भी ‘फैसला’ है.
कांग्रेस ने मंगलवार को यूसीसी की जोरदार वकालत करने के लिए मोदी पर हमला बोला और कहा कि उन्हें पहले देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी के बारे में बात करनी चाहिए. समान नागरिक संहिता के संबंध में मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री कुछ भी कह सकते हैं लेकिन उन्हें बेरोजगारी, महंगाई और मणिपुर जैसे देश के असली सवालों का जवाब देना होगा. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे मुद्दों को राजनीति का औजार नहीं बनाना चाहिए.
विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “यह (यूसीसी) हमारे संविधान में लिखा है. संविधान के अनुच्छेद 44 में, इसे राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत के रूप में उल्लेख किया गया है. इस संबंध में उच्चतम न्यायालय का भी फैसला है.” उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. कोई विसंगति नहीं होनी चाहिए. न्याय का अधिकार सभी के लिए सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जो समाज में शोषित, वंचित और उत्पीड़ित हैं. समाज में समानता होनी चाहिए.”
विपक्षी दलों द्वारा भाजपा पर पसमांदा मुस्लिम समुदाय को लुभाकर मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाए जाने पर यादव ने कहा कि उन्हें समाज के शोषित, वंचित और उत्पीड़ित वर्गों के लोगों के लिए कुछ नहीं करने पर शर्म आनी चाहिए.
भाजपा नेता ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि पिछड़े वर्गों में अत्यंत पिछड़े वर्ग हैं और जो लोग उनके नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, उन्होंने उन पर कभी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा, ”जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा शोषितों एवं वंचितों के जीवन को बदलने का प्रयास कर रही है तो इससे विपक्ष को परेशानी क्यों होती है?”
उन्होंने कहा, ”उन्हें (विपक्षी दलों को) शर्म आनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए कभी कुछ नहीं किया. पसमांदा समुदाय भी ओबीसी के अंतर्गत आता है. लंबे समय से पसमांदा समुदाय की अनदेखी की जा रही है.” प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार होने का उल्लेख है.
मोदी ने यह भी कहा कि भाजपा ने फैसला किया है कि वह तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति का रास्ता नहीं अपनाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम पिछड़े हैं लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण उनके साथ समान व्यवहार भी नहीं किया जाता है.