HDFC का एचडीएफसी बैंक में विलय एक जुलाई से होगा प्रभावी: दीपक पारेख

मुंबई. आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड का अपनी अनुषंगी और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक में विलय एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगा. एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस विलय प्रस्ताव को स्वीकृति देने के लिए एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडलों की 30 जून को अलग-अलग बैठक होगी.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमें इस विलय के बारे में लगभग सारी मंजूरियां मिल चुकी हैं. हमें विलय प्रक्रिया एक जुलाई से प्रभावी हो जाने की उम्मीद है.” एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी केकी मिस्त्री ने कहा कि विलय होने के बाद एचडीएफसी के शेयरों का लेनदेन 13 या 14 जुलाई से बंद हो जाएगा.

मिस्त्री ने कहा, “अधिकतम 17 जुलाई से एचडीएफसी के शेयर एचडीएफसी बैंक के शेयरों के रूप में कारोबार करने लगेंगे. वैसे साफ कहूं तो मैं इसकी कोई निश्चित तारीख नहीं बता सकता क्योंकि इस पर निर्णय शेयर बाजारों को करना है.” यह विलय देश के कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है. यह सौदा 40 अरब डॉलर का है.

एचडीएफसी बैंक ने चार अप्रैल, 2022 को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में विलय करने पर सहमति जतायी थी. इस विलय के बाद देश की एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी सृजित होगी जिसकी सम्मिलित परिसंपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगी.

नवगठित कंपनी का बीएसई के सूचकांक में भारांश रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी अधिक हो जाएगा. फिलहाल रिलायंस का भारांश 10.4 प्रतिशत है लेकिन विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का भारांश 14 प्रतिशत के करीब हो जाएगा. विलय सौदा क्रियान्वित होने के बाद एचडीएफसी बैंक का सौ फीसदी स्वामित्व सार्वजनिक शेयरधारकों के पास होगा. वहीं एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों की नई कंपनी में 41 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी.

इस सौदे के तहत एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. मिस्त्री ने कहा कि एचडीएफसी बैंक के सात करोड़ से अधिक ग्राहक होने से आवास वित्त कारोबार में विस्तार की भी भरपूर संभावनाएं होंगी. इनमें से सिर्फ दो प्रतिशत बैंक ग्राहकों ने ही एचडीएफसी से होम लोन लिया है.

पारेख ने कहा कि दोनों कंपनियों के एक साथ आने से ताकत में बढ़ोतरी होगी क्योंकि इनमें से हरेक कंपनी का अपना अलग कारोबार रहा है. उन्होंने कहा, “जब विलय में शामिल कंपनियों के समान उत्पाद होते हैं तो वे विलय का लाभ गंवा देते हैं. लेकिन इस सौदे का सबसे बड़ा लाभ यह है कि दोनों के उत्पादों में समानता नहीं है.” पारेख ने कहा कि एचडीएफसी में 46 साल बिताने के बाद 30 जून उनका अंतिम कार्यदिवस होगा.

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