महिला को ब्याज समेत फीस लौटाएं, मुआवजा दें बायजूस प्रबंधक और शाहरुख खान : उपभोक्ता आयोग

इंदौर. इंदौर के एक उपभोक्ता आयोग ने कथित रूप से ‘‘छल-कपट भरे व्यवहार’’ और ‘‘अनुचित व्यापार प्रथा’’ को लेकर बायजूस के एक स्थानीय प्रबंधक और इस शिक्षा प्रौद्योगिकी कम्पनी का विज्ञापन करने वाले अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ आदेश जारी किया है. आयोग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अफसर बनने की हसरत के साथ बायजूस के कोंिचग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाली एक महिला की शिकायत पर यह आदेश जारी किया है.

आयोग ने आदेश में कहा है कि इस महिला द्वारा पाठ्यक्रम में दाखिले के वक्त वर्ष 2021 में जमा कराई 1.08 लाख रुपये की फीस 12 प्रतिशत के सालाना ब्याज समेत लौटाई जाए, मुकदमा लड़ने के खर्च के रूप में उसे 5,000 रुपये अदा किए जाएं और आर्थिक तथा मानसिक नुकसान के एवज में उसे 50,000 रुपये का मुआवजा भी दिया जाए.

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने स्थानीय निवासी प्रियंका दीक्षित द्वारा बायजूस के स्थानीय प्रबंधक और खान के खिलाफ दायर शिकायत पर बुधवार (26 अप्रैल) को यह आदेश दिया और कहा कि प्रतिवादी गण शिकायतकर्ता को “संयुक्तत: तथा पृथकत:” (मिलकर और अलग-अलग) यह रकम चुकाएं. गौरतलब है कि कानूनी संदर्भों में “संयुक्तत: तथा पृथकत:” शब्द से तात्पर्य किसी ऐसी भागीदारी को निरूपित करने से है जिसमें इस भागीदारी से जुड़ा हर पक्ष किसी देनदारी के संबंध में बराबर रूप से उत्तरदायी होता है.

आयोग ने आदेश में कहा कि चूंकि प्रतिवादी गण (बायजूस प्रबंधक और शाहरुख खान) मामले में नोटिस तामील होने के बाद भी अनुपस्थित रहे और उनकी ओर से कोई जवाब भी पेश नहीं किया गया, इसलिए उनके खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही की गई. आयोग ने आदेश में कहा, ‘‘विपक्षी गण की ओर से मिथ्या और भ्रामक आॅनलाइन विज्ञापन देकर महिला शिकायतकर्ता को बायजूस कोंिचग (पाठ्यक्रम) में प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया और रुपया (फीस) प्राप्त करने के बाद किसी प्रकार की कोंिचग सुविधा नहीं दी गई और यह रकम लौटाने का आश्वासन देने के बावजूद फीस नहीं लौटाई गई जो अपने आप में छल-कपटपूर्ण व्यवहार है और अनुचित व्यापार प्रथा को प्रकट करता है.’’

जानकारों ने कानूनी प्रावधानों के हवाले से बताया कि अगर कोई पक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के किसी आदेश से असंतुष्ट होता है, तो इसके 30 दिन के भीतर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में अपील दायर कर इसे चुनौती दे सकता है. दीक्षित ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में दायर शिकायत में खान को यह दावा करते हुए प्रतिवादियों में शामिल किया कि बायजूस के लिए उनके द्वारा किए गए विज्ञापन से प्रभावित होने के बाद उन्होंने 13 जनवरी 2021 को 1.08 लाख रुपये की फीस जमा कर कम्पनी के कोंिचग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था ताकि वह आईएएस अफसर बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा की तैयारी कर सकें.

शिकायत में यह दावा भी किया गया कि फीस लेते समय बायजूस की ओर से दीक्षित को आश्वासन दिया गया था कि कोंिचग पाठ्यक्रम के तहत उन्हें अच्छे शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाएगा और 14 जनवरी, 2021 से उनकी कक्षाएं शुरू हो जाएंगी, लेकिन इस तारीख से ये कक्षाएं शुरू नहीं की गईं.

दीक्षित ने शिकायत में कहा कि कोंिचग सेवा से असंतुष्ट होकर उन्होंने बायजूस को 27 जनवरी 2021 को इस पाठ्यक्रम से अपना दाखिला निरस्त करने को कहा और फीस वापस मांगी, लेकिन कई बार मांगे जाने के बावजूद कम्पनी ने उन्हें फीस कथित रूप से नहीं लौटाई. दीक्षित के वकील सुरेश कांगा ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के मुताबिक कोई उपभोक्ता किसी कंपनी की सेवाओं में त्रुटि पर इस कम्पनी के साथ ही इसका विज्ञापन करने वाले लोगों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उपभोक्ता आयोग में इन्हीं प्रावधानों के तहत बायजूस के साथ ही शाहरुख खान के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई क्योंकि खान ने इस कंपनी के लिए वह विज्ञापन किया था जिसे देखकर मेरी मुवक्किल कोंिचग पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए प्रेरित हुई.’’

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