कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शाह और योगी के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने का किया आग्रह

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिक और उकसाने वाले’ बयान देने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष इनके खिलाफ शिकायत की तथा दोनों नेताओं के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने आग्रह किया.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग पहुंचकर शिकायत की और तीन ज्ञापन सौंपे. इस प्रतिनिधिममंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, अभिषेक सिंघवी, कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल और कांग्रेस के संचार विभाग के सचिव वैभव वालिया शामिल थे.

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने चुनाव आयोग के समक्ष दो तीन विषय उठाए हैं. सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा भाजपा के बड़े नेताओं के बयान हैं. हमने गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत की है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं ने तीन-चार ऐसे बयान दिए हैं, जो उकसाने वाले, सांप्रदायिक, आपसी वैमनस्य और नफरत फैलाते हैं.
सिंघवी ने कहा कि भाजपा के नेताओं की तरफ से कांग्रेस के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं तथा अल्पसंख्यकों के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आयोग से कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है.’’ सिंघवी ने कहा, ‘‘हमने मांग की है कि कार्रवाई होनी चाहिए. कोई व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर हो, कानून सबके लिए बराबर है. हमने आग्रह किया कि ऐसे नेताओं को चुनाव प्रचार से रोक देना चाहिए.’’ कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को सौंपे ज्ञापन में गृह मंत्री की कुछ कथित टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया गया है.

मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा, ‘‘अमित शाह ने बयान दिया- पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पीएफआई (पापुलर फ्रंट आॅफ इंडिया) के उन सभी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया था, जो पहले से हिरासत में थे और भाजपा की सरकार ने उन्हें फिर से जेल में डाला.’’ कांग्रेस के अनुसार, गृह मंत्री ने यह बयान भी दिया कि कांग्रेस ने पीएफआई से प्रतिबंध हटाने का चुनावी वादा किया था.

कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा गत मंगलवार को एक चुनावी सभा में दिए गए उस बयान का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में आई, तो राज्य में परिवारवाद की राजनीति चरम पर होगी और वह ‘‘दंगों की चपेट में रहेगा.’’ विपक्षी दल ने कहा कि गृह मंत्री ने ये ‘खतरनाक और दुर्भावनापूर्ण दावे’ किए, जो आचार संहिता का उल्लंघन है.

कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ को लेकर जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें उनके उस बयान का उल्लेख किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि ‘कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करने की विशेषज्ञ है, वह कर्नाटक में पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करती है…उत्तर प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार ने पीएफआई की कमर तोड़ दी है.’’

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के समक्ष दिए एक और ज्ञापन में वरुणा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार वी सोमन्ना की उम्मीदवारी रद्द करने का आग्रह किया है. पार्टी का आरोप है कि वरुणा के साथ ही चामराजनगर से भी चुनाव लड़ रहे सोमन्ना ने चामराजनगर से जनता दल (एस) के उम्मीदवार को अपना नामांकन वापस लेने के लिए 50 लाख रुपये की घूस की पेशकश की.
कांग्रेस ने कहा कि इसके आॅडियो भी उपलब्ध हैं और ऐसे में उनकी उम्मीदवारी दोनों सीट से रद्द होनी चाहिए. वरुणा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी उम्मीदवार हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button