चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 13 जुलाई को होने की संभावना; इसरो प्रमुख ने कहा-अब तक अंतिम निर्णय नहीं
नयी दिल्ली. चंद्रयान-3 को 13 जुलाई को प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है, जिसके जरिये चंद्रमा की सतह पर एक ‘रोवर’ उतारा जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 13 जुलाई को दोपहर ढाई बजे प्रक्षेपित किया जाएगा. हालांकि, भाारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि इसकी तिथि पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और यह 12 से 19 जुलाई के बीच की तिथि पर विचार कर रहा है.
वह भारतीय वायुसेना के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने 13 जुलाई की प्रक्षेपण तिथि के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए कहा, ”अभी, 12 से 19 जुलाई के बीच (की किसी तिथि) के विकल्प को खुला रखा गया है. यह 12, 13 या 14 जुलाई हो सकता है या अंत (19 जुलाई) तक जा सकता है, बशर्ते कि कोई तकनीकी समस्या न पैदा हो.” सोमनाथ ने कहा, ”कोई सटीक तिथि घोषित नहीं की गई है. हम सभी जांच पूरी होने के बाद उस सटीक तिथि पर पहुंचेंगे…अंतिम तिथि इस रेंज के अंदर होगी.” इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान पूरी तरह से तैयार है.
सोमनाथ ने कहा, ”अभी रॉकेट के साथ इसे जोड़ा जा रहा है तथा संभवत: यह कार्य और दो-तीन दिन में पूरा हो जाएगा, फिर हमें जांच कार्यक्रम में जाना है.” उन्होंने कहा कि रॉकेट से जोड़े जाने के बाद सिलसिलेवार जांच भी की जाएगी. चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरने और वहां गतिविधियां करने की क्षमता प्रर्दिशत करने के लिए चंद्रयान-2 के बाद का यह एक अभियान है.
चंद्रयान-3 के जरिये एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ को चंद्रमा पर भेजा जा रहा है. प्रणोदन मॉड्यूल, ‘लैंडर’ और ‘रोवर’ को 100 किलोमीटर तक चंद्रमा की कक्षा में ले जाएगा. इसमें, चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी के ध्रुवीय मापन का अध्ययन करने के लिए एक ‘स्पेक्ट्रो-पोलरमेट्री’ पेलोड भी जोड़ा गया है.