संगठित क्षेत्र में नहीं आ रही ज्यादा नौकरियां, और ज्यादा अच्छे रोजगार सृजित करने की जरूरत: जयंत सिन्हा
मुंबई. सत्तारूढ. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जयंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि देश में जिस गति से संगठित क्षेत्र में नौकरियां पैदा हो रही हैं, वह अपर्याप्त है और लोगों के लिए अच्छी नौकरियां सृजित करने पर ध्यान देने की जरूरत है. उद्योग मंडल आईएमसी चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित युवा सम्मेलन में सिन्हा ने कहा कि भारत के लिए ऐसे समय में अच्छी नौकरियां पैदा करना बड़ी चुनौती है, जब कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन र्लिनंग जैसी प्रौद्योगिकियां हमारे सामने हैं. इन प्रौद्योगिकियों को ‘नौकरियां खत्म करने वाला’ बताया जा रहा है.
झारखंड के हजारीबाग से सांसद सिन्हा ने कहा, “हमें अपने युवाओं के लिए अच्छे रोजगार पैदा करने के लिए और ज्यादा बेहतर काम करने की जरूरत है. हमें अच्छी, संगठित क्षेत्र में नौकरियां बहुत जल्द पैदा करने होंगे और अभी यह दर पर्याप्त नहीं है.” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में इस समय एक अरब से ज्यादा लोग 18-64 आयुवर्ग (कामकाजी) में हैं और अगले दशक तक इसमें लगभग 20 करोड़ युवा और जुड़ जाएंगे, जिस कारण यह काम और महत्वपूर्ण हो जाता है.
उन्होंने कहा, “जब आप ग्रामीण भारत, छोटे शहरों या कस्बों में लोगों से नौकरी के बारे में पूछते हैं तो वे सभी संगठित क्षेत्र में अच्छी नौकरियां चाहते हैं. ….और हम उनके लिए पर्याप्त उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा नहीं कर रहे हैं.” सिन्हा ने कहा कि खेत से कारखाना मॉडल औद्योगीकरण और शहरीकरण के ईदगिर्द घूमता है. इस मॉडल ने औद्योगिक क्रांति के समय से काम किया है और ब्रिटेन से चीन तक की अर्थव्यवस्था की मदद की है.
उन्होंने कहा कि लेकिन यह मॉडल आगे काम नहीं करेगा और भारत को अपना वृद्धि मॉडल तैयार करना होगा. सिन्हा ने कहा कि अगर हमें भरोसेमंद और टिकाऊ समृद्धि की राह पर चलना है तो देश को न केवल ऊर्जा क्षेत्र में बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था में ‘तेजी से और बदलावकारी समायोजन’ करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता हासिल करने के लिए भारी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होगी. इसके लिए इसमें कंपनी क्षेत्र को भी इसमें भाग लेना होगा.