एआई आज की जरूरत, बहस अब मानव बुद्धिमत्ता से संतुलन बनाने पर: प्रधान

लंदन. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और डिजिटलीकरण आज की जरूरत हैं और बहस अब मानव बुद्धिमत्ता (एचआई) के साथ इनका संतुलन बनाने पर हो रही है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को यह बात कही. प्रधान ने नयी दिल्ली में अपने कार्यालय से इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) के ब्रिटेन-भारत सप्ताह सम्मेलन को संबोधित किया. ब्रिटेन के शिक्षा मंत्री गिलियन कीगन ने भी इसे संबोधित किया. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में और दोनों ओर कौशल के आदान-प्रदान में द्विपक्षीय सहयोग के अनेक क्षेत्रों को रेखांकित किया.

प्रधान ने कहा, ”भारत और ब्रिटेन ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में भरोसेमंद और साझेदार हैं.” उन्होंने कहा, ”हमारे पास यह तय करने का विकल्प नहीं है कि यह सही है या गलत, लेकिन एआई और चैटजीपीटी समाज में सुगम जीवनशैली के नये उपकरण बन गये हैं. अब बहस ईश्वर की दी हुई मानव बुद्धिमत्ता के बारे में हो रही है. यह एआई बनाम एचआई की बहस है.” कीगन ने भी इस अवसर पर कहा कि एआई भविष्य में कक्षाओं का बहुत समय बचाने में कारगर हो सकता है. उन्होंने कहा, ”मेरा अनुभव है कि आप प्रौद्योगिकी को रोक नहीं सकते. यह आती ही है, इसलिए आपको इसे अपनाना होगा.”

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