ओमीक्रोन की ‘सुनामी’ आ गयी है चीन में
बीजिंग. चीन कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की ‘‘सुनामी’’ का सामना कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह बात कही. चीन में कोविड-19 के 20,000 से अधिक मामले आए और उसके सबसे बड़े शहर शंघाई में तीन हफ्तों से अधिक समय से लॉकडाउन लगा हुआ है जबकि राजधानी बीजिंग में 2.1 करोड़ से अधिक लोगों ने ‘‘उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों’’ की बढ़ती सूची के बीच तीसरी न्यूक्लिक एसिड जांच करायी.
नगरपालिका सरकार ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग में सभी निवासियों को शनिवार से सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश करने के लिए 48 घंटों के भीतर यह रिपोर्ट दिखायी होगी कि वे कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाए गए हैं. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, बीजिंग में शुक्रवार को दो समुदायों को कोविड-19 के लिए उच्च जोखिम और मध्यम जोखिम की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया. ताजा वर्गीकरण से बीजिंग में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की कुल संख्या छह और मध्यम जोखिम वाले क्षेत्रों की संख्या 19 पर पहुंच गयी है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा, ‘‘अभी हम ओमीक्रोन की सुनामी का सामना कर रहे हैं. संक्रमण का यह स्वरूप बहुत तेजी से फैलता है, इतनी तेजी से कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते.’’ चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के 20,000 से अधिक मामले आए, जिसमें से 15,000 से अधिक मामले बृहस्पतिवार को शंघाई में आए, जिससे करीब एक महीने से फैल रहे संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले मरीजों की कुल संख्या 337 पर पहुंच गयी है.
झाओ ने कहा कि चीन ने 2021 में फैले डेल्टा स्वरूप को करीब 14 दिनों में काबू में कर लिया था लेकिन ओमीक्रोन का हमला बेहद गंभीर है. वह चीन में यूरोपीय संघ चैम्बर आॅफ कॉमर्स के दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर ंिचता व्यक्त करने पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
ईयू चैम्बर के अध्यक्ष जॉर्ज वुटके ने एक साक्षात्कार में कहा कि चीन के सबसे बड़े कारोबारी हब शंघाई में एक महीने से लॉकडाउन लगा हुआ है और चीन की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आयी. उन्होंने कहा था कि ‘‘शून्य कोविड’’ नीति ने देश को खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
बीजिंग में शुक्रवार को तीसरे चरण की जांच की गयी. शहर में कई सैकड़ों समुदायों की गतिविधियों पर पाबंदियां लगायी गयी है. सुबह जांच के लिए लाखों लोग कतारों में दिखायी दिए. अभी तक ऐसी जांच सोमवार और मंगलवार को हुई है. शुक्रवार के जांच नतीजों के बाद बीजिंग यह फैसला कर सकता है कि क्या शंघाई की तरह लॉकडाउन लगाया जाए या नहीं. स्थिति गंभीर होने पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ चाइना (सीपीसी) ने हालात का आकलन करने के लिए अपने पॉलिटिकल ब्यूरो की बैठक बुलायी.