पूरे देश में पारंपरिक उत्साह व उल्लास के साथ मनाया गया बकरीद, जम्मू-कश्मीर में शांति से हुई ईद की नमाज
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में बृहस्पतिवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया. बड़ी संख्या में लोग ईद की नमाज के लिए मस्जिदों में जमा हुए और गले लगकर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी.
पुलिस ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
उसने बताया कि नमाज के लिए सबसे बड़ी जमात श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में हुई जहां 50,000 से ज्यादा लोग जमा हुए.
कश्मीर घाटी के हर छोटे-बड़े मस्जिदों/दरगाहों में लोग नमाज पढ.ने पहुंचे. हालांकि श्रीनगर के पुराने शहर वाले हिस्से में स्थित जामिया मस्जिद में नमाज नहीं पढ.ी गई.
वहीं, पुंछ में भारतीय और पाकिस्तान सैनिक ‘राहे मिलन’ पर मिले और मिठाइयां तथा तोहफे देकर एक-दूसरे के साथ त्योहार मनाया.
संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में डोडा, किश्तवाड़, रामबन, पुंछ, राजौरी, रिआसी और कठुआ में ईद की नमाज पढ.ी गयी.
एक स्थानीय निवासी गुलाम मोहम्मद ने बताया, ”जम्मू में नमाज के लिए सबसे बड़ी जमात ईदगाह में होती है. भाईचारे की भावना अद्भुत उदाहरण पेश करती है. पैगंबर की कुर्बानी को याद करने के साथ-साथ हमने अपने देश की शांति और समृद्धि की भी दुआ की.” जिला प्रशासनों ने त्योहार के मद्देनजर सुरक्षा सहित अन्य व्यापक व्यवस्था की थी. बकरीद का त्योहार खुदा (ईश्वर) के प्रति समर्पण और बलिदान की भावना को ध्यान में रखते हुए मनाया जाता है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बकरीद के अवसर पर को देशवासियों को बधाई दी और उनसे समाज में आपसी भाईचारे और परस्पर सौहार्द को बढ.ाने का संकल्प लेने की अपील की. उन्होंने कहा, ”ईद-उल-जुहा के अवसर पर मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से देश-विदेश में रहने वाले मुस्लिम भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं.” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी लोगों को बकरीद की बधाई दी और कामना की कि यह पर्व समाज में एकजुटता व सद्भाव को बनाए रखे.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं. यह दिन सभी के लिए खुशी और समृद्धि लाए. यह हमारे समाज में एकजुटता और सद्भाव को भी बनाए रखे. ईद मुबारक!” जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय को बधाई दी. सिन्हा ने ट्वीट किया, ”ईद मुबारक. ईद-उल-अजहा के इस पावन त्योहार पर लोगों को बधाई. खुशी का यह मौका हम सभी को प्रेम, करुणा और क्षमा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. ईद-उल-अजहा का त्योहार सभी के लिए शांति, समृद्धि और खुशियां लेकर आए.” उत्तर प्रदेश में बकरीद का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ बृहस्पतिवार को मनाया गया और मुस्लिमों ने सुबह मस्जिदों और ईदगाह में नमाज पढ.कर एक दूसरे को बधाई दी.
मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह की नमाज में शामिल हुए और एक दूसरे को बधाई दी. प्रदेश की राजधानी में लोगों ने टीले वाली मस्जिद, ऐशबाग ईदगाह और बड़ा इमामबाड़ा सहित अन्य जगहों पर नमाज पढ.ी. इसके बाद उन्होंने कुरबानी में शिरकत की और बधाई देने एक दूसरे के घर गए.
हालांकि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में विश्व हिंदू परिषद के दबाव में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुरोला कस्बे में मुसलमान बकरीद के मौके पर सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा नहीं हुए. पिछली कई पीढि़यों से पुरोला में रह रहे मुसलमानों को सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने के लिए वहां से करीब 30 किलोमीटर दूर सांद्रा या देहरादून के पास विकासनगर जाना पड़ा.
परंपरा के टूटने पर देहरादून के मुसलमान संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि ऐसी बातें भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के खिलाफ हैं. इसे प्रशासन की विफलता करार देते हुए उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक प्रश्रय के बिना ऐसी बातें नहीं हो सकतीं.
उत्तराखंड में मुसलमानों के हकों के लिए संघर्ष करने वाले संगठन मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम अहमद ने देहरादून में कहा, ”अगर पुरोला में कोई ईदगाह नहीं थी, तो लोगों को मस्जिदों में एकत्रित होकर नमाज पढने की इजाजत दी जानी चाहिए थी. नमाज पढ़ने के लिए उन्हें कहीं इकट्ठा न होने देना इस बात की पुष्टि करता है कि इस धर्मनिरपेक्ष और सांस्कृतिक रूप से विविधता वाले देश में मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता रहेगा.” पुरोला पुलिस थाने के प्रभारी अशोक चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस ने बकरीद पर शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों के साथ एक बैठक की थी लेकिन नमाज के लिए कोई सार्वजनिक सभा आयोजित न करना मुसलमानों का अपना निर्णय था.
पुरोला में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र रावत ने कहा कि उन्होंने नमाज पढ़ने को कभी मना नहीं किया था लेकिन इतना कहा था कि सार्वजनिक जगह पर अल्पसंख्यक लोग इकट्ठा होकर सामूहिक नमाज न पढ.ें. उन्होंने कहा, ”किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना उनका उददेश्य कभी नहीं रहा है. क्या कभी किसी को अपने घर में निजी रूप से नमाज पढ़ने से रोका जा सकता है?” वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश और बूंदाबांदी के बावजूद ऐतिहासिक जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में विशेष नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया तथा मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भी लोगों को बकरीद की बधाई दी. राज्यपाल ने एक बयान जारी करके कहा कि वह ईद-उल-अजहा के पर्व पर राज्य के मुस्लिम भाइयों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह त्योहार लोगों को मानवता के आदर्शों पर चलते हुए आगे बढ.ने के लिए प्रेरित करेगा. दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय ने बड़े हर्षोल्लास से आज बकरीद का त्योहार मनाया.
बकरीद के साथ ही आज आषाढ.ी एकादशी या देवशयनी एकादशी का पर्व भी मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राज्य में भगवान विष्णु के मंदिरों को सजाया गया और विशेष पूजा अर्चना की गई. मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी बी जेड जमीर अहमद खान के साथ बेंगलुरु के चामराजपेट स्थित ईदगाह मैदान पर विशेष नमाज में हिस्सा लिया.
तमिलनाडु में भी बकरीद का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया गया और हजारों मुसलमानों ने सामूहिक रूप से नमाज अदा की.
चेन्नई में बड़ी संख्या में मुसलमान डॉन बॉस्को स्कूल के मैदान में एकत्र हुए और नमाज अदा की, जबकि तिरुपथुर, डिंडीगुल, वेल्लोर, तिरुनेलवेल्ली और कन्याकुमारी जिलों सहित राज्य के कई हिस्सों में भी लोगों ने सामूहिक रूप से नमाज में हिस्सा लिया.