भारतीय पुरूष हॉकी टीम के कोच रीड ने दिया इस्तीफा

नयी दिल्ली. विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरूष हॉकी टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड और सहयोगी स्टाफ के दो अन्य सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है जिसे हॉकी इंडिया ने स्वीकार कर लिया . रीड को अप्रैल 2019 में भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया था. उनके कोच रहते तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम ओडिशा में हुए विश्व कप में क्वार्टर फाइनल में जगह नहीं बना सकी और नौवें स्थान पर रही .

आॅस्ट्रेलिया के 58 साल के रीड के अलावा विश्लेषण कोच ग्रेग क्लार्क और वैज्ञानिक सलाहकार मिशेल डेविड पेम्बरटन ने भी त्यागपत्र दे दिया है . हॉकी इंडिया द्वारा जारी बयान के अनुसार रीड ने हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की को विश्व कप खत्म होने के एक दिन बाद इस्तीफा सौंपा . टिर्की और हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ ंिसह ने टीम के प्रदर्शन पर चर्चा के लिये रीड और अन्य सहयोगी स्टाफ से मुलाकात की थी .

रीड के अलावा क्लार्क और डेविड ने भी सोमवार को सुबह इस्तीफे दे दिया . तीनों अगले महीने तक नोटिस पीरियड में रहेंगे . रीड ने कहा ,‘‘ अब मेरे लिये अलग होने और नये प्रबंधन को कमान सौंपने का समय है . इस टीम और हॉकी इंडिया के साथ काम करने में बहुत मजा आया . इस शानदार सफर के हर पल का मैने आनंद लिया . टीम को भविष्य के लिये शुभकामनायें .’’ भारतीय टीम के साथ रीड का कार्यकाल पेरिस ओलंपिक (2024) तक का था.

रीड और उनकी टीम के साथ भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक कांस्य पदक जीता था . इसके अलावा टीम ने र्बिमंघम राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और एफआईएच प्रो लीग 2021 . 22 सत्र में तीसरा स्थान हासिल किया . रीड के कोच रहते भारतीय टीम ने 2019 में एफआईएच विश्व सीरिज फाइनल्स जीता था . इसके बाद भुवनेश्वर में ओलंपिक क्वालीफायर जीतकर तोक्यो खेलों के लिये क्वालीफाई किया .

रीड समेत तीनों के इस्तीफे स्वीकार करते हुए हॉकी इंडिया अध्यक्ष टिर्की ने कहा ,‘‘ग्राहम रीड और उनकी टीम का भारत सदैव ऋणी रहेगा जिन्होंने हमें अच्छे नतीजे दिये . खासकर ओलंपिक खेल में . हर यात्रा में नये पड़ाव आते हैं और अब हमें भी टीम के लिये नयी सोच के साथ आगे बढ़ना होगा .’’ मेजबान भारत ने विश्व रैंंिकग में पांचवें स्थान पर रहते हुए टूर्नामेंट की शुरुआत की, लेकिन क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा. टीम को क्रॉस-ओवर मैच में शूट-आउट में निचली रैंंिकग की टीम न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा.

हरमनप्रीत ंिसह की अगुवाई वाली टीम ने इसके बाद वर्गीकरण मैचों में जापान को 8-0 और दक्षिण अफ्रीका को 5-2 से हराकर अर्जेंटीना के साथ संयुक्त नौवें स्थान हासिल किया. किसी बड़े टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन के बाद कोच को बदलना भारतीय हॉकी में कोई नयी बात नहीं है. केपीएस गिल के नेतृत्व वाले तत्कालीन (अब प्रतिबंधित) भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) के दिनों से यह चलन प्रचलित है.

जर्मनी के गेरहार्ड रॉच भारतीय हॉकी टीम के पहले विदेशी कोच थे. उन्हें 2004 एथेंस ओलंपिक से कुछ महीने पहले नियुक्त किया गया था. तब से आॅस्ट्रेलिया के रिक चार्ल्सवर्थ, स्पेन के जोस ब्रासा, आॅस्ट्रेलिया के माइकल नोब्स और टेरी वॉल्श, नीदरलैंड के पॉल वैन ऐस, रोलेंट ओल्टमेंस और शोर्ड मारिन के बाद आखिर में रीड राष्ट्रीय टीम के साथ जुड़े. इन सब में भी रीड भारत के सबसे सफल कोच रहे. उनकी देखरेख में भारतीय टीम ने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक के अलावा और भी कई सफलता हासिल की.

बदलाव हमेशा अच्छा होता है: हॉकी विश्व कप विजेता कप्तान अजीत पाल ने रीड के इस्तीफे पर कहा
दिग्गज अजीत पाल ंिसह का मानना है कि मुख्य कोच के पद से ग्राहम रीड का इस्तीफा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिए अच्छा होगा क्योंकि हाल ही में समाप्त हुए विश्व कप में घरेलू टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बदलाव की जरूरत थी. राउरकेला और भुवनेश्वर की संयुक्त मेजबानी में आयोजित इस विश्व कप में भारत का अभियान क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से पहले ही खत्म हो गया था. रीड ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

आॅस्ट्रेलिया के 58 साल के इस पूर्व खिलाड़ी ने भुवनेश्वर में विश्व कप खत्म होने के अगले दिन हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अजीत पाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से भाषा, ‘‘ग्राहम रीड का इस्तीफा उनका व्यक्तिगत निर्णय है लेकिन टीम के इस खराब प्रदर्शन के लिए किसी को तो जिम्मेदारी लेनी ही थी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली इस भारतीय टीम से विश्व कप में काफी उम्मीदें थीं लेकिन हमने सभी विभागों में खराब प्रदर्शन किया. हम नौवें स्थान पर रहे और मुझे नहीं लगता कि हम इससे भी बुरा कर सकते थे. यह टीम का सबसे खराब प्रदर्शन है.’’ भारत को 1975 में इकलौता विश्व कप खिताब दिलाने वाले इस पूर्व दिग्गज कहा, ‘‘परिवर्तन हमेशा अच्छे के लिए होता है और मुझे लगता है कि रीड का इस्तीफा भारतीय टीम के लिए अच्छा होगा. मुझे लगता है कि अब हमें नये विचारों वाले किसी ऐसे कोच की जरूरत है जो टीम को एक बार फिर से एकजुट कर सके.’’

मेजबान भारत ने विश्व रैंंिकग में पांचवें स्थान पर रहते हुए टूर्नामेंट की शुरुआत की, लेकिन क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा. टीम को क्रॉस-ओवर मैच में शूट-आउट में निचली रैंंिकग की टीम न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा. हरमनप्रीत ंिसह की अगुवाई वाली टीम ने इसके बाद वर्गीकरण मैचों में जापान को 8-0 और दक्षिण अफ्रीका को 5-2 से हराकर अर्जेंटीना के साथ संयुक्त नौवें स्थान हासिल किया.

रीड को अप्रैल 2019 में भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया था और उनका करार पेरिस ओलंपिक (2024) तक का था. उनके कोच रहते भारत ने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था. आॅस्ट्रेलिया के 58 साल के रीड के अलावा क्लार्क और डेविड ने भी सोमवार को सुबह इस्तीफे दे दिया . तीनों अगले महीने नोटिस पीरियड में रहेंगे .

अजीत पाल ने इस मौके पर भारतीय टीम के चयनकर्ताओं पर भी सवाल उठाया और कहा, ‘‘ चयनकर्ताओं को भी कुछ दोष लेना चाहिए क्योंकि विश्व कप में हमारे खिलाड़ी थके हुए लग रहे थे. मुझे लगता है कि ओलंपिक जीतने वाली मूल टीम में ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं थी. कप्तान को क्यों बदला गया. ’’ पूर्व कप्तान और मौजूदा राष्ट्रीय चयनकर्ता सरदार ंिसह हालांकि मानते है कि रीड का इस्तीफा गलत समय पर हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से रीड का इस्तीफा सही समय पर नहीं हुआ है क्योंकि हमें इस साल एशियाई खेलों और फिर अगले साल ओलंपिक में खेलना है. अब देखना यह होगा कि हॉकी इंडिया क्या करती है. मुझे उम्मीद है कि हॉकी इंडिया के दिमाग में उनकी जगह लेने और टीम को अगले स्तर पर ले जाने के लिए एक बेहतर व्यक्ति होगा.’’ इस पूर्व मिडफील्डर ने कहा कि इस लचर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने कहा, ‘‘एक कोच उतना ही अच्छा होता है जितना कि खिलाड़ी. कोच आपको प्रशिक्षण दे सकता है, योजना बना सकता है लेकिन यह खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वह मैदान पर प्रदर्शन करें.’’

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