ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के सिलसिले में तीन और गिरफ्तार
मेलबर्न. आस्ट्रेलियाई पुलिस ने 29 जनवरी को यहां खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प की दो घटनाओं के सिलसिले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. विक्टोरिया पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी.
विक्टोरिया पुलिस के बयान के मुताबिक मेलबर्न में 29 जनवरी को तथा-कथित ‘पंजाब स्वतंत्रता जनमत संग्रह’ के दौरान खालिस्तानी कार्यकर्ताओं और भारत-समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच दो जगहों पर हुई झड़पों में कई लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बयान में कहा कि कई लोगों ने झंडे में लगे डंडे का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया, जिससे कई लोगों को चोटें आईं हैं.
गैर-बाध्यकारी जनमत संग्रह की अगुवाई करने वाले समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) को भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में रखा गया है. पुलिस के मुताबिक इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में 23 वर्षीय एक व्यक्ति पर मारपीट और गैरकानूनी हमले का आरोप लगाया गया है, जबकि 36 वर्षीय और 39 वर्षीय दो अन्य व्यक्तियों पर मारपीट और हिंसक अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया गया है.
इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान अब तक उजागर नहीं की गयी है. इस घटना के सिलसिले में 34 और 39 साल के दो पुरुषों को गिरफ्तार कर, दंगा फैलाने के उनके आचरण को लेकर उन पर जुर्माना लगाया गया है. इस सप्ताह आरोपित सभी लोगों को आठ अगस्त को मेलबर्न मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होने के लिए जमानत दे दी गई है.
भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया सरकार को देश में खालिस्तानी अलगाववादियों की भारत-विरोधी गतिविधियों और देश के विभिन्न हिस्सों में हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़ पर रोक लगाने के लिए कह चुका है. कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग ने 26 जनवरी को जारी बयान में बेहद कड़े शब्दों में कहा था, ‘‘पिछले कुछ समय से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और ऑस्ट्रेलिया से बाहर के अन्य संगठनों की शह और उकसावे पर ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक तत्व अपनी गतिविधियां तेज कर रहे हैं.’’