प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा, “मीडिया खिलाड़ियों की बजाय बृजभूषण के साथ”
नयी दिल्ली. प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को मीडिया पर खिलाड़ियों की बजाय भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अखबारों को सिंह को बोलने के लिये मंच नहीं देना चाहिये. महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे सिंह ने आरोपों के खिलाफ लड़ने की बात कही और इस प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बताया.
दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की है जिनमें से एक पोस्को कानून के तहत दर्ज की गई है .
बजरंग ने मीडिया से बातचीत में कहा ,‘‘ मीडिया खिलाड़ियों से ज्यादा बृजभूषण का समर्थन कर रहा है. उसका आपराधिक रिकॉर्ड देखो. क्या यहां बैठे या दूसरे खेलों के किसी खिलाड़ी का आपराधिक रिकॉर्ड है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि देश में सांसद बनने से अधिक कठिन ओलंपिक पदक जीतना है.
उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ी देश के लिये पदक जीतते हैं और वह पदक विजेताओं पर सवाल उठा रहे हैं. देश में कितने व्यक्ति सांसद बनते हैं और कितने ओलंपिक पदक जीतते हैं. अभी तक मुश्किल से 40 ओलंपिक पदक विजेता हैं और हजारों सांसद हैं .’’ दो बार विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट ने कहा कि पहलवानों के आरोप राजनीति से प्रेरित होने का सिंह का दावा निराधार है .
उन्होंने कहा ,‘‘ हम कोई राजनीति नहीं कर रहे. हम दिल से बोलते हैं और यही वजह है कि यहां इतने लोग हमारे साथ बैठे हैं .’’
उन्होंने मीडिया से सिंह को जगह नहीं देने की अपील करते हुए कहा ,‘‘ आप ऐसे अपराधी को मंच कैसे दे सकते हैं. अपने आप से पूछिये. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आधी समस्या खुद ब खुद खत्म हो जायेगी. ये आदमी मुस्कुराकर बोले जा रहा है . इसका अहंकार रावण से भी बड़ा है .’’
विनेश ने कहा ,‘‘ अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्दोष साबित हो गया तो आप इसे फूलों के हार पहनायेंगे . अभी भी पहनाये जा रहे हैं. उसने क्या किया है . हम पदक जीतते हैं तो हमें हार पहनाये जाते हैं . उसने महिला खिलाड़ियों का शोषण किया है और उसे सम्मानित किया जा रहा है . मेरा अनुरोध है कि उसे मंच नहीं दे .’’ पहलवानों ने अधिकारियों द्वारा सहयोग नहीं किये जाने की शिकायत करते हुए रात में बिजली और पानी की आपूर्ति काटने का आरोप लगाया था. यह पूछने पर कि क्या अब हालात बेहतर हैं, विनेश ने कहा ,‘‘ क्या आप यहां रात में रूकते हैं . मेरा अनुरोध है कि आप रात में रूके और फिर मैं आपसे पुछूंगी कि प्रशासन कितनी मदद कर रहा है .’’