बृजभूषण ने कहा, जंतर-मंतर पर धरना राजनीति से प्रेरित
गोंडा. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण ंिसह ने उनके खिलाफ नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर शीर्ष पहलवानों के धरने को राजनीति से प्रेरित बतया. देश के शीर्ष पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग करते हुए 23 अप्रैल से एक बार फिर जंतर मंतर पर धरना शुरू किया. बृजभूषण पर उन्होंने महिला पहलवानों को धमकाने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इससे पहले उन्होंने जनवरी में धरना दिया था.
बृजभूषण ने साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के रुख की सराहना करते हुए कहा कि सपा धरने से नहीं जुड़कर सच्चाई के साथ खड़ी है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) सहित अन्य विपक्षी दलों ने पहलवानों को समर्थन दिया है और इन पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शन स्थल पर पहलवानों से मुलाकात की. हालांकि समाजवादी पार्टी ने धरने से किनारा कर लिया है.
कैसरगंज से सांसद बृजभूषण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव (विरोध करने वाले पहलवानों का पक्ष नहीं लेने के लिए) का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. मैं उन्हें बचपन से जानता हूं. मैं उनसे बड़ा हूं, हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं लेकिन अखिलेश सच्चाई जानते हैं और अगर उत्तर प्रदेश में 10,000 पहलवान हैं तो इनमें से आठ हजार यादव समुदाय से हैं और समाजवादी परिवार से हैं और इसलिए वे सच्चाई जानते हैं.’’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘धरना दे रहे पहलवान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के खिलौने बन गए हैं. उनका मकसद मेरा इस्तीफा नहीं है, बल्कि यह केवल राजनीतिक है.’’ बृजभूषण ने कहा कि उन्हें अभी तक प्राथमिकी की प्रति नहीं मिली है.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘प्रदर्शन करना उनका अधिकार है लेकिन क्या रेलवे से जुड़ा कोई खिलाड़ी इस तरह धरने पर बैठ सकता है? जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए जा रहे हैं.’’ विश्नोहरपुर स्थित अपने आवास पर रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बृजभूषण ने आरोप लगाया कि ‘‘यह पूरी साजिश कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा और पहलवान बजरंग पूनिया ने रची है. इसका एक आॅडियो हमारे पास है जिसे समय आने पर दिल्ली पुलिस को सौंपैंगे.’’
पहलवानों के आंदोलन में राजनीतिक लोगों के शामिल होने पर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह लड़ाई अब खिलाड़ियों के हाथ से निकल चुकी है. इसमें राजनीतिक पार्टियों का प्रवेश हो चुका है. इसके लक्षण मुझे पहले दिन से ही दिखाई दे रहे थे. धरने पर बैठे खिलाड़ी जो बोल रहे हैं, यह उनकी स्वयं की आवाज नहीं है. यह आवाज बनाई और सिखाई गई है.’’
बृजभूषण ने बजरंग पूनिया पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (बजरंग) चार महीने तक आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की की तलाश की. इससे जुड़ा एक आॅडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें साफ तौर पर साजिश की बात सामने आ रही है.’’ एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ने कहा, ‘‘इस प्रकरण में पार्टी को मत घसीटें. यह आरोप मेरे ऊपर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में लगे हैं, भाजपा सांसद के रूप में नहीं. मुझे ही अपने को बेगुनाह साबित करके इस आरोप से बाहर निकलना है. सजा भी होगी तो मुझे ही होगी, भाजपा को नहीं होगी. इसलिए इस लड़ाई को भाजपा पर लेकर मत जाइए.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी यदि उनसे इस्तीफा देने को कहेगी तो वह तुरंत दे देंगे.
पहलवानों के धरने में प्रियंका गांधी के शामिल होने के सवाल पर बृजभूषण ने कहा, ‘‘प्रियंका गांधी को तथ्य पता नहीं है. दीपेंद्र हुड्डा जो शुरू से इस कहानी के कथाकार हैं, वह उन्हें बहकाकर ले आए. जिस दिन प्रियंका को सच्चाई पता चलेगी, जांच की रिपोर्ट आ जाएगी, उन्हें महसूस होगा कि मुझे नहीं जाना चाहिए था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रियंका गांधी गलतफहमी में हैं. मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं कि कैसरगंज, गोंडा, श्रावस्ती या आसपास की किसी भी लोकसभा सीट से मेरे सामने चुनाव मैदान में उतर जाएं. सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी.’’ बृजभूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर भी निशाना साधा.
भाजपा सांसद ने एक उद्योगपति का नाम लिए बगैर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विरुद्ध साजिश के लिए एक बड़ा उद्योगपति जिम्मेदार है.’’ नाम पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘नाम ले लिया तो जान से मार दिए जाएंगे. हजारों करोड़ों का आदमी है वह, मरवा देगा मुझे.’’ पुलिस की जांच के बारे में पूछे जाने पर सांसद ने कहा, ‘‘अभी दिल्ली पुलिस ने मुझसे संपर्क नहीं किया है. पुलिस जहां बुलाएगी, वहां जाने के लिए तैयार हूं.’’
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर सात महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण और धमकाने के आरोपों को लेकर शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है जिसके तहत यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.