ट्रंप के खिलाफ अभियोग चलाए जाने को मंजूरी, आपराधिक आरोप का सामना करने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति बने
न्यूयॉर्क. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 2016 में एक पोर्न स्टार को चुप रहने के लिए धन देने के मामले में मैनहट्टन ग्रैंड जूरी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अभियोग चलाने का फैसला किया है. इसी के साथ ट्रंप आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले देश के पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं. यही नहीं, फैसले से 2024 में फिर से राष्ट्रपति बनने की उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है.
मामले की जांच कर रहे मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग के कार्यालय ने पुष्टि की कि उसने अनिर्दिष्ट आरोपों पर ट्रंप के ‘‘आत्मसमर्पण के लिए समन्वय’’ करने के इरादे से बृहस्पतिवार को उनके वकीलों से संपर्क किया था. ब्रैग के प्रवक्ता ने बताया कि अभियोग के संबंध में मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी के कार्यालय में ट्रंप के आत्मसमर्पण को लेकर समन्वय के लिए पूर्व राष्ट्रपति के अटॉर्नी से संपर्क किया गया है और सुनवाई की तारीख तय होने के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी.
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, इस मामले की जानकारी रखने वाले पांच अधिकारियों ने बताया कि ग्रैंड जूरी ने एक पोर्न स्टार को कथित संबंधों को लेकर चुप रहने के लिए धन देने के मामले में 76 वर्षीय ट्रंप के खिलाफ अभियोग चलाने का फैसला किया है. खबर में कहा गया है कि यह निर्णय ‘‘एक ऐतिहासिक फैसला है, जो 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को हिलाकर रख देगा. ट्रंप देश के पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं, जो आपराधिक आरोपों का सामना करेंगे.’’ ट्रंप ने 2017 से 2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में सेवाएं दी थीं.
इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने ‘सीबीएस न्यूज’’ को बताया कि ऐसी संभावना है कि ट्रंप फ्लोरिडा से सोमवार को न्यूयॉर्क आएंगे और मंगलवार को अदालत में पेश होंगे. सुनवाई के संक्षिप्त रहने की संभावना है, जिसमें उन पर लगाए गए आरोप पढ़कर सुनाए जाएंगे.
ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने इस अभियोग को ‘‘राजनीतिक उत्पीड़न और चुनाव में हस्तक्षेप का प्रयास’’ करार दिया है. ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं पर ‘‘अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को सजा देने के लिए न्यायिक प्रणाली को हथियार की तरह इस्तेमाल करने’’ का आरोप भी लगाया है. उन्होंने मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी पर ‘‘(अमेरिका के) राष्ट्रपति जो बाइडन के गंदे काम करने’’ का आरोप लगाया.
ट्रंप के वकील सुसन नेचेलेस और जोसेफ टैकोपिना ने एक बयान जारी कर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने ‘‘कोई अपराध नहीं किया’’ है और उन्होंने ‘‘अदालत में इस राजनीतिक अभियोजन का मजबूती से मुकाबला करने’’ का संकल्प लिया है. यह मामला 2016 में पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए 1.30 लाख डॉलर के भुगतान में ट्रंप की संलिप्तता की जांच से जुड़ा है. आरोप है कि यह भुगतान इसलिए किया गया, ताकि डेनियल्स रिपब्लिकन नेता ट्रंप से अपने कथित यौन संबंधों पर चुप रहें. राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की होड़ में शामिल विवेक रामास्वामी और निकी हेली ने आरोप लगाया कि ट्रंप के खिलाफ अभियोग ‘‘बदले की राजनीति है.’’ उन्होंने इसे देश के इतिहास में एक ‘‘काला दिन’’ करार दिया.