रूस के ‘साइबर सैनिक’ नेताओं को निशाना बना रहे: ब्रिटेन

लंदन/बर्लिन/जेपोरीजिया. ब्रिटेन के एक अध्ययन के अनुसार रूस के ‘साइबर सैनिकों’ ने दूसरे देशों के नेताओं के खिलाफ नया अभियान छेड़ा है और यूक्रेन पर अपने हमले को जायज ठहराने के लिए वे बड़े स्तर पर दुष्प्रचार के लिए सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने रविवार को कहा कि सेंट पीटर्सबर्ग के एक कारखाने में काम करने वाले लोग टेलीग्राम मैसेंिजग ऐप का इस्तेमाल अपने समर्थकों की भर्ती और उनसे तालमेल के लिए करते हैं तथा फिर ये लोग रूस के आलोचकों के सोशल मीडिया खातों पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा यूक्रेन में युद्ध के समर्थन में पोस्ट करते हैं. इन लोगों को इसका भुगतान किया जाता है.

विदेश कार्यालय के अनुसार तथाकथित ‘ट्रोल फैक्टरी’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहचाने जाने से बचने की नयी तकनीक विकसित की हैं. टेलीग्राम, ट्विटर, फेसबुक और टिकटॉक समेत आठ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की गतिविधियां की जा रही हैं. इसने कहा कि इस अभियान में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और भारत समेत कई देशों के नेताओं और बड़ी संख्या में लोगों को निशाना बनाया गया है.

जर्मनी के चांसलर ने यूक्रेन के मुद्दे पर आलोचना को खारिज किया

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है कि उनकी सरकार यूक्रेन को रूसी हमले से रक्षा में ज्यादा मदद नहीं कर रही है. भले ही जर्मनी ने युद्धरत देशों को हथियार न भेजने की अपनी नीति पलट दी हो, लेकिन शोल्ज पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूक्रेन की सहायता के लिए आगे आने में हिचकने और रफ्तार धीमी रखने का आरोप लगाया गया है. समाचार पत्र ‘बिल्ड’ द्वारा रविवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में, सोशल डेमोक्रेटिक नेता ने अपनी सरकार के दृष्टिकोण का बचाव किया.

शोल्ज के हवाले से कहा गया, ‘‘मैं अपने निर्णय जल्दी से और अपने सहयोगियों के साथ समन्वय में लेता हूं.’’ जर्मनी ने 24 फरवरी को रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन को टैंक रोधी हथियार, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति के लिए अपनी परंपरा तोड़ दी थी. पिछले साल के अंत में चांसलर के रूप में एंजेला मर्केल की जगह लेने वाले शोल्ज ने कहा कि वह विपक्षी दावों से परेशान नहीं हैं कि वह बहुत संकोची और डरपोक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र का हिस्सा है कि विपक्ष आपको कड़ी चुनौती देता है.’’

मारियुपोल शहर के इस्पात संयंत्र से लोगों को निकाले जाने का अभियान जारी: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में युद्धग्रस्त मारियुपोल शहर के इस्पात संयंत्र से लोगों को निकालने का अभियान जारी रहने की पुष्टि की है. संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता के प्रवक्ता सवियानो अब्रियू ने रविवार को ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के साथ मिलकर अजोवस्ताल संयंत्र में फंसे लोगों को निकालने का अभियान जारी है, जिसमें रूस और यूक्रेन के अधिकारियों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है. उन्होंने स्थिति को बेहद जटिल करार दिया. हालांकि उन्होंने अधिक जानकारी साझा नहीं की. गौरतलब है कि मारियुपोल का यह संयंत्र ही ऐसा हिस्सा इलाका है जहां रूस की सेना नियंत्रण हासिल नहीं कर पायी है. ऐसा अनुमान है कि संयंत्र में लगभग एक हजार आम नागरिक और दो हजार यूक्रेनी लड़ाके हैं.

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