ईडी कार्यालय में पांच दिन बैठाकर प्रधानमंत्री मेरा व्यवहार नहीं बदल सकते : राहुल

वायनाड. ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में हाल में ईडी की जांच का सामना करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने ‘गलतफहमी’ के कारण ऐसा कदम उठाया लेकिन उन्हें नहीं पता कि पांच दिन केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में बैठाने से उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आएगा.

अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धन शोधन मामले में पिछले महीने गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में पांच दिनों तक पूछताछ की थी. गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत केरल सरकार की पर्यावरण संवेदनशील जोन नीति के खिलाफ आयोजित ‘यूडीएफ बहुजन संगमम’ में हिस्सा लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार…प्रधानमंत्री को लगता है कि पांच दिन ईडी (कार्यालय) में बैठाए जाने से मेरा व्यवहार बदल जाएगा. प्रधानमंत्री को यह गलतफहमी है.’’ गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और माकपा दोनों दल हिंसा में विश्वास करते हैं और यह उनकी विचारधारा में गहराई से निहित है. उन्होंने कहा कि दोनों दल सोचते हैं कि हिंसा के माध्यम से और धमकी देकर वे अन्य लोगों के व्यवहार को बदल सकते हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वे दोनों सोचते हैं कि हिंसक व्यवहार करके वे लोगों को धमका सकते हैं. यह उनकी बड़ी गलतफहमी है..क्योंकि उनमें साहस नहीं है. उन्हें लगता है कि हिंसा दूसरे लोगों के व्यवहार को सकती है. बात वह नहीं है. ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका व्यवहार हिंसा और धमकियों से नहीं बदल सकता.’’ पिछले हफ्ते कलपेट्टा में अपने कार्यालय पर स्टूडेंट फेडरेशन आॅफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं के हमले का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि माकपा का यह भी मानना है कि कार्यालय को नुकसान पहुंचाने से उनका व्यवहार बदल जाएगा. गांधी ने कहा, ‘‘मेरा व्यवहार देश के लोगों के प्रति मेरे स्रेह से आकार लेता है. यह इस देश के मेहनतकश जनसमुदाय के प्रति स्रेह से बना है. इसे मेरे प्रतिद्वंद्वियों या मेरे दुश्मनों द्वारा कभी आकार नहीं दिया जा सकता है.’’

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