भारत बड़े पुनरुद्धार के करीब, नरम वृद्धि के बीच ऊंची महंगाई का कुछ अधिक ‘प्रचार’ : राजीव कुमार
नयी दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था एक बड़े आर्थिक पुनरुद्धार के ‘मुहाने’ पर है और पिछले सात साल के दौरान सरकार द्वारा किए गए उपायों से एक मजबूत आर्थिक बुनियाद रखी गई है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने रविवार को यह बात कही.
कुमार ने कहा कि वृद्धि दर में नरमी के बीच ऊंची महंगाई यानी ‘स्टैगफ्लेगशन’ की बात का कुछ अधिक प्रचार किया जा रहा है. ऐसी स्थिति नहीं है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष कुमार ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद सभी संकेतों से स्पष्ट है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा. उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की वजह से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है.
कुमार ने कहा, ‘‘पिछले सात वर्षों में सरकार द्वारा किए गए सभी सुधारों और यह उम्मीद करते हुए कि संभवत: हम कोविड-19 महामारी का ‘अंत’ देख रहे हैं और 2022-23 में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकेंगे, यह कहा जा सकता है कि आगामी वर्षों में अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि के लिए एक मजबूत बुनियाद रखी जा रही है.
हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के 2021-22 में 8.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
कुमार ने कहा, ‘‘इसलिए मुझे लगता है कि भारत एक बड़े आर्थिक पुनरुद्धार और आर्थिक वृद्धि के करीब है.’’ हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान में संशोधन हो सकता है.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने हालांकि कहा कि इसके बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. अन्य सभी आर्थिक मानदंड वास्तव में हमारी सीमा के अंदर हैं. रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था. उसके बाद अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कई बड़े आर्थिक और अन्य प्रतिबंध लगाए हैं. बढ़ती महंगाई पर कुमार ने कहा कि रिजर्व बैंक उसे दी गई जिम्मेदारी के मद्देनजर इसपर नजर रखे हुए है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि केंद्रीय बैंक इसपर (मुद्रास्फीति पर) अच्छी तरह से नियंत्रण कर रहा है और जरूरत पड़ने पर और जरूरी कदम उठाएगा.’’ खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में आठ माह के उच्चस्तर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई है. यह लगातार दूसरे महीने रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 13.11 प्रतिशत हो गई है.
वृद्धि दर में नरमी के बीच ऊंची महंगाई यानी स्टैगफ्लेशन के जोखिम पर पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. ऐसे में यह कहीं से भी ‘स्टैगफ्लेशन’ की परिभाषा के पास नहीं है.
सरकार के 2021-22 में संपत्तियों के मौद्रीकरण से 88,000 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा. यदि यह हासिल नहीं हुआ, तो भी हम इसके काफी पास रहेंगे.’’