अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इमरान ने अपनी पार्टी के सांसदों को जीत का भरोसा दिलाया

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों को जीत हासिल होने के प्रति आश्वस्त किया, जबकि विपक्ष के नेता शाहबाजÞ शरीफ ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘देशद्रोह’ का मामला दर्ज किए जाने की मांग की.

क्रिकेटर से राजनेता बने खान (69) अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं जो विपक्ष के नेता शरीफ ने 28 मार्च को नेशनल (कौमी) असेंबली में पेश किया था, जिसपर रविवार को मतदान होना है. खान को, उन्हें प्रधानमंत्री पद से बेदखल करने की विपक्ष की कोशिश को नाकाम करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की जÞरूरत है. वहीं, विपक्ष का दावा है कि उसके पास 175 सांसदों का समर्थन है और खान को प्रधानमंत्री पद से फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए.

खान आंकड़ों के खेल में पिछड़ते दिख रहे हैं और अहम सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया है तथा कई बागी सांसदों ने उनके खिलाफ मतदान करने का संकल्प लिया है. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, खान ने कहा, ‘‘ मैच आखिरी गेंद तक खत्म नहीं होता है, मैं कल के लिए फिक्रमंद नहीं हूंङ्घ इंशाअल्लाह (अल्लाह ने चाहा तो) हम जीत जाएंगे.’’ शनिवार को यहां प्रधानमंत्री आवास में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने शरीफ पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए ‘शेरवानी’ तैयार रखी है, उन्हें नहीं पता कि उनके साथ रविवार को क्या होने वाला है.

खान के संबोधन के तुरंत बाद एक प्रेस वार्ता में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष शरीफ ने कहा, “इमरान खान के खिलाफ पहले देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए …(2014 का) धरना खत्म न करके, इमरान खान ने देश के गौरव को नुकसान पहुंचाया था.” ‘जियो न्यूजÞ’ की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक नेता “देशद्रोह और देशभक्ति” में शामिल होते हैं, तो मामला हाथ से निकल जाएगा.

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर खान संविधान और कानून के खिलाफ जाते हैं, तो वे अपना काम करेंगे. शरीफ का देशद्रोह पर बयान ऐसे वक्त आया है, जब प्रधानमंत्री खान ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक  “विदेशी साजिश” है. शरीफ का आरोप है कि खान हार मानने के बजाय देश को बांटने में मसरूफ हैं और वह संविधान और कानूनी रास्ता अख्तियार नहीं कर रहे हैं.

विपक्ष के नेता ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले रविवार को खान के प्रदर्शन के आ’’ान पर कहा, ‘‘ वह (खान) कल संसद में लिए जाने वाले फैसले को नाकाम करने के लिए अपने समर्थकों को उकसा रहे हैं.’’ खान 2018 में सत्ता में आए थे और उनके दो सहयोगी दलों ने उनका साथ छोड़ विपक्षी खेमे का दामन थाम लिया है.

खान ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक खेलेंगे तथा रविवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे.
प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘‘विदेशी षड्यंत्र’के खिलाफ ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को होने वाले अहम मतदान के लिए एक से ज्यादा योजनाएं हैं.

पाकिस्तान में आजतक किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है और न ही किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है. खान, अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं. संघीय सरकार में एक उच्च स्तरीय सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सरकार और संयुक्त विपक्ष के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले दरवाजे से बातचीत जारी है.

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