कांग्रेस ने LIC के IPO से एक दिन पहले सरकार पर साधा निशाना, मूल्यांकन को लेकर उठाए सवाल

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर भाव को लेकर सवाल उठाये. प्रमुख विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि एलआईसी के निर्गम की कीमत काफी कम रखी गयी है और इसे 30 करोड़ पॉलिसीधारकों के भरोसे की कीमत पर औने-पौने दाम पर बेचा रहा है. कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से एक दिन पहले पहले कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने एलआईसी का मूल्यांकन फरवरी में 12-14 लाख करोड़ रुपये आंका था और केवल दो महीने में इसे घटाकर छह लाख करोड़ रुपये कर दिया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल फरवरी में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 70,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन इसे अब घटाकर 21,000 करोड़ रुपये और हिस्सेदारी बिक्री को कम कर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया है.
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आखिर सरकार क्यों ऐसे समय एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने जा रही है जब रूस-यूक्रेन युद्ध समेत विभिन्न कारणों से घरेलू और वैश्विक वित्तीय बाजारों में उठा-पटक जारी है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश को देखने वाले सचिव ने कहा था कि अगर बाजार की स्थिति अनुकूल नहीं रही, तो सरकार सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी नहीं बेचेगी. फिर एलआईसी का आईपीओ इस नीति से अलग क्यों है? देश इसका जवाब चाहता है.’’ सुरजेवाला ने कहा कि इस साल फरवरी में जब आईपीओ के लिये विवरण पुस्तिका जमा की गयी थी, उस समय एलआईसी के विनिवेश के लिये मूल्यांकन (शुद्ध संपत्ति मूल्य जमा भविष्य में होने वाले लाभ का मौजूदा मूल्य) 2.5 गुना किया गया था, लेकिन बाद में आईपीओ का मूल्यांकन अंर्तिनहित मूल्य (मूल्यांकन) का 1.1 गुना ही रखा गया.

उन्होंने कहा कि इसकी तुलना में एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस मूल्यांकन के 3.9 गुना पर कारोबार कर रही है. एसबीआई लाइफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ मूल्यांकन के क्रमश: 3.2 गुना और 2.5 गुना पर कारोबार कर रही हैं. कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि जनवरी-फरवरी, 2022 एलआईसी के निर्गम के लिये मूल्य दायरा 1100 रुपये प्रति शेयर रखा गया था जबकि अब इसे कम कर 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मूल्यांकन कम करने और कीमत दायरा घटाये जाने से सरकारी खजाने को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘आखिर नरेंद्र मोदी सरकार ने देश-विदेश में प्रचार-प्रसार के बाद अचानक से एलआईसी का मूल्यांकन और निर्गम के आकार कम क्यों कर दिया?’’ सुरजेवाला ने दावा किया कि सरकार ने पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 70,000 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के साथ फरवरी, 2022 में पेंशन कोष, म्यूचुअल फंड, इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन जैसे बड़े निवेशकों को आर्किषत करने के लिये व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार किया था.’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सितंबर, 2021 की स्थिति के अनुसार एलआईसी के 30 करोड़ पॉलिसीधारक हैं और उसकी कुल संपत्ति 39,60,000 करोड़ रुपये (526 अरब डॉलर) है. कंपनी के पास 52,000 करोड़ रुपये के शेयर हैं. उन्होंने कहा कि एलआईसी को अपने निवेश पर अप्रैल-सितंबर, 2021 के दौरान 3.35 लाख करोड़ रुपये की आय हुई. सुरजेवाला ने कहा कि कंपनी हर साल तीन करोड़ पॉलिसी जारी करती है, जो प्रतिदिन एक लाख पॉलिसी बैठता है और यह दुनिया का 10वां सबसे बड़ा बीमा ब्रांड है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button