भारत सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त करने वाला देश बना हुआ है: सीतारमण
नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि भारत सर्वाधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्राप्त करने वाला देश बना हुआ है और भारतीय खुदरा निवेशकों ने शेयर बाजारों से विदेशी धन के जाने के कारण पैदा हालात को संभालने की क्षमता विकसित की है.
लोकसभा में प्रश्नकाल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि विदेशी निवेश को केवल एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) से नहीं मापना चाहिए. उन्होंने कहा कि एफआईआई और एफपीआई की निर्भरता ब्याज दरों पर होती है और उनमें उतार-चढ़ाव होता रहता है.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘एफआईआई और एफपीआई आते जाते रहते हैं. लेकिन आज भारतीय खुदरा निवेशकों ने साबित कर दिया है कि कोई भी झटका लगे, उसे संभाला जा सकता क्योंकि भारतीय खुदरा निवेशकों ने भारतीय बाजार में झटके को संभालने की क्षमता विकसित कर ली है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें सदन में उन भारतीय खुदरा निवेशकों की खड़े होकर सराहना करनी चाहिए जिन्होंने आज भारत के बाजारों में काफी विश्वास पैदा किया है.’’ थरूर ने भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों द्वारा 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक धन निकाले जाने की ओर इशारा करते हुए वित्त मंत्री से विदेशी निवेशकों का निवेश कम होने की प्रवृत्ति के बारे में पूछा था.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में कोविड से पहले से सर्वाधिक एफडीआई आ रहा था जो कोविड के दौरान काफी अच्छी स्थिति में रहा और उसके बाद भी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे संकेत मिलता है कि जो पैसा आ रहा है, उसका निवेश इस देश में हो रहा है और इस तरह हमारे लिए रोजगार सृजन हो रहा है तथा संभावनाएं बन रही हैं. यह एफआईआई और एफपीआई से नहीं हो रहा.’’
वित्त मंत्री ने अपने उत्तर देने के दौरान टोका-टोकी करने पर तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय से नाराजगी प्रकट करते हुए आसन से कहा कि जब भी मंत्री जवाब दे रहे हों तो रॉय जैसे वरिष्ठ सदस्य को हर बार बीच में टिप्पणी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सदस्य यदि चाहें तो मंत्री का जवाब पूरा होने के बाद आसन से स्पष्टीकरण मांगने या पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति ले सकते हैं, लेकिन हर बार बीच में टोका-टोकी करना अनुचित है.