पूर्वी दिल्ली के महापौर ने नवरात्र के दौरान कारोबारियों से मीट की दुकानें बंद रखने की ‘अपील’ की

नयी दिल्ली. पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने मंगलवार को कारोबारियों से नवरात्रि के दौरान या कम से कम त्योहार के आखिरी तीन दिनों में मीट की दुकानों को बंद रखने की ‘अपील’ की, जबकि अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में ‘‘कोई आधिकारिक आदेश नहीं’’ जारी किया गया है.

अग्रवाल ने यह भी दावा किया कि नवरात्रि के दौरान ‘‘90 प्रतिशत लोग मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करते हैं’’. पूर्वी दिल्ली के महापौर की यह टिप्पणी दक्षिण दिल्ली में उनके समकक्ष मुकेश सूर्यान के बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें सूर्यान ने कहा था कि नवरात्रि के दौरान मंगलवार से 11 अप्रैल तक मांस की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सूर्यान ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) आयुक्त ज्ञानेश भारती को त्योहार की अवधि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने के लिए एक पत्र भी लिखा, जिसमें कहा गया है, ‘‘नवरात्रि में प्रतिदिन मां दुर्गा की पूजा के लिए मंदिर आते समय जब उनके रास्ते में मांस की दुकानों आती हैं या रास्ते में मांस की गंध को सहन करना पड़ता है तो इससे धार्मिक विश्वास और भक्तों की भावनाएं प्रभावित होती हैं.’’

इस बार नवरात्रि 2-11 अप्रैल तक है. इस दौरान श्रद्धालु उपवास रखते हैं और ‘सात्विक’ भोजन करते हैं. अग्रवाल ने मंगलवार को पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों और स्वास्थ्य निरीक्षकों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, कारोबरियों से नवरात्रि के दौरान या कम से कम त्योहार के आखिरी तीन दिनों में मांस की दुकानों को बंद रखने की अपील की है.’’

हालांकि, पूर्वी दिल्ली के महापौर ने कहा कि हर साल नवरात्रि के आखिरी तीन दिनों में गाजीपुर कसाईखाना बंद रहता है और इस साल यह 8-10 अप्रैल तक बंद रहेगा. अग्रवाल ने दावा किया, ‘‘इसका मतलब है कि अगर कोई इस अवधि में (भैंस या बकरी का) मांस बेच रहा है, तो यह या तो बासी होगा या अवैध तरीके से पशुओं का वध किया गया होगा. इसलिए, मैंने आदेश दिया है कि ऐसे व्यापारियों पर कड़ी नजर रखने के लिए 16 टीम गठित की जाएं और इसके अनुसार कार्रवाई की जाए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति के अनुसार कार्रवाई में मांस की जब्ती या चालान लगाना या लाइसेंस रद्द करना या दुकानों को सील करना शामिल होगा.’’ आधिकारिक सूत्रों ने हालांकि कहा, ‘‘ईडीएमसी अधिकारियों की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक आदेश नहीं दिया गया है.’’ उन्होंने कहा कि इस मामले को बड़े पैमाने पर ‘‘राजनीति’’ के रूप में देखा जा रहा है.

सूर्यान ने मंगलवार को कहा कि नवरात्रि के दौरान ‘‘मांस की दुकानें खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है’’. उन्होंने यह दावा किया कि इस अवधि के दौरान ‘‘ज्यादातर लोग मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करते हैं’’, यहां तक कि उनके इस कदम पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है. एसएमडीसी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है.

सूर्यान ने मंगलवार को कहा, ‘‘आज अधिकांश मांस की दुकानें बंद रहीं. अधिकांश लोग नवरात्रि के समय में मांस, प्याज-लहसुन नहीं खाते हैं. इसलिए जनता की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, नवरात्रि उत्सव के दौरान मांस की दुकानें खोलने की आवश्यकता नहीं है. एक आदेश इस संबंध में आज जारी किया जाएगा.’’ समुदाय के अधिकांश वर्गों द्वारा मंगलवार को एक शुभ दिन माना जाता है और आमतौर पर सप्ताह के इस दिन मांस की कई दुकानें बंद रहती हैं.

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