यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे
संयुक्त राष्ट्र. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करेंगे। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और राजधानी कीव के उपनगरीय इलाके में मिले ढेरों शवों से दुनियाभर में मचे कोलाहल के बीच पहली बार वह संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय को संबोधित करेंगे।
ब्रिटेन अप्रैल के महीने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अगुवाई कर रहा है और उसने सोमवार को ट्वीट कर जेलेंस्की के मंगलवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को आॅनलाइन संबोधित करने के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद जेलेंस्की पहली बार सुरक्षा परिषद को संबोधित कर रहे हैं। रूस इस परिषद का स्थायी सदस्य है और उसे ‘वीटो’ भी हासिल है।
इस मुद्दे पर परिषद और महासभा ने कई बैठकें की हैं, जिसमें यूक्रेन की स्थिति पर 193 सदस्यीय विधानसभा में एक दुर्लभ आपातकालीन विशेष सत्र भी शामिल है। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटिश मिशन ने कहा, ‘‘परिषद की अगुवाई करते हुए ब्रिटेन यह सुनिश्चित करेगा कि रूस के युद्ध अपराधों की सच्चाई सामने आए। हम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रमण का पर्दाफाश करेंगे।’’ यूक्रेन की राजधानी कीव के पास स्थित बुशा से रूसी सैनिकों के हटने के बाद वहां सड़कों पर पड़े नागरिकों के शवों की तस्वरों और वीडियो ने दुनियाभर में कोलाहल मचा दिया है। विश्व स्तर पर इसकी ंिनदा की जा रही है और रूस के इस कृत्य की जांच व सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह बुशा में नागरिकों की हत्या की तस्वीरें देख ‘बेहद स्तब्ध’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि इसकी स्वतंत्र जांच की जाए और जवाबदेही तय हो।’’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने कहा कि वह यूक्रेन के बुशा शहर में सड़कों पर और अस्थायी कब्रों में नागरिकों के शवों की तस्वीरें देख ‘‘भयभीत’’ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सबूतों को संरक्षित करने के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि सच्चाई सामने लाने और न्याय व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए इसकी स्वतंत्र एवं प्रभावी जांच कराई जाए।’’ इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ंिलडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिका अब यूक्रेन, यूरोपीय देशों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य भागीदारों के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस के निलंबन की मांग करेगा।