भारत व फ्रांस ने छात्रों, कुशल कामगारों की आवाजाही संयुक्त रूप से बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की

पेरिस. भारत और फ्रांस ने छात्रों, कुशल कामगारों और पेशेवरों की आवाजाही को संयुक्त रूप से बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की तथा दोनों देशों के बीच अनियमित प्रवासन का मुकाबला करने के प्रयासों को मजबूत बनाने पर जोर दिया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बुधवार को हुई वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों देशों ने आवाजाही एवं प्रवासन संबंधी साझेदारी समझौता को लागू करने पर पूरी प्रतिबद्धता व्यक्त की जो एक अक्टूबर 2021 से प्रभाव में आया है।

इस समझौते का मकसद आवाजाही पर आधारित चक्रीय प्रवासन को अस्थायी तौर पर सुगम बनाना तथा अपने देश में कौशल की वापसी को प्रोत्साहित करना है। संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘छात्रों की द्विपक्षीय आवाजाही के फायदे को स्वीकार करते हुए फ्रांस अपने यहां वर्ष 2025 तक 20 हजार भारतीय छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य रखता है जिससे दोनों देशों के बीच नये कारोबार, स्टार्ट अप और नवाचार के अवसर सृजित होंगे। ’’

इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष छात्रों, स्रातकों, पेशेवरों और कुशल कामगारों की आवाजाही को बढ़ाने को लेकर संयुक्त रूप से काम करते रहेंगे, साथ ही अनियमित प्रवासन का मुकाबला करने के प्रयासों को मजबूत बनायेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन यूरोपीय देशों के दौरे पर थे जिसके अंतिम चरण में वह फ्रांस आए। फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी ने मैक्रों के साथ द्विपक्षीय एवं साझा हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रम पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा पूरी कर बृहस्पतिवार को स्वदेश लौट गए। इस दौरान उन्होंने जर्मनी एवं डेनमार्क में व्यापार, ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए कई द्विपक्षीय बैठकें कीं।

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