रूस ने 10 निकासी मार्गों के लिए सहमति जताई : यूक्रेन

ल्वीव/ब्रसेल्स. यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ने कहा है कि रूसी सेना उनके देश के तीन पूर्वी क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षित तौर पर निकासी के लिए बृहस्पतिवार को 10 मानवीय गलियारों पर सहमत हुई. आने वाले दिनों और हफ्तों में यूक्रेन के औद्योगिक पूर्वी क्षेत्र पर कब्जे के लिए रूस के अपने सैन्य हमले तेज करने की उम्मीद है, ऐसे में कीव ने इसे रोकने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) से और हथियार मुहैया करने की अपील की है.

उप प्रधानमंत्री इरयाना वेरेशचुक ने कहा कि दोनेत्स्क, लुशांक और जपोरीझझीया क्षेत्रों से नागरिकों को निकाल कर अन्य शहरों में ले जाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि मारियोपोल और एनेरहोदार से जपोरीझझीया कार के जरिये तथा बर्दींस्क, तोकमाक और मेलीतोपोल से कार एवं बसों के जरिये यात्रा करना संभव होगा.

यूक्रेन के विदेश मंत्री ने नाटो से हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया
,सात अप्रैल (एपी) यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने उत्तर अटंलाटिक संधि संगठन (नाटो) से उनके युद्धग्रस्त देश को रूस से लड़ने के लिए और हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया, ताकि बुचा शहर में हाल में हुए अत्याचार जैसी घटनाओं को रोका जा सके.

नाटो ने संगठन के तौर पर यूक्रेन में सैनिकों अथवा पुलिस को भेजने से इनकार किया है, लेकिन उसके सदस्य देश टैंक रोधी हथियार, अन्य साजो सामान और चिकित्सा से जुड़ा सामान भेज रहे हैं. कुलेबा ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददताओं से कहा,‘‘ मेरा उद्देश्य बेहद सामान्य है. इसमे केवल तीन वस्तुएं हैं….और वह है हथियार,हथियार और बस हथियार.’’ नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्री कीव को सहयोग देने में तेजी लाने पर विचार विमर्श के लिए इकट्ठे हुए हैं.

यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा,‘‘ हमें लड़ना आता है. हमें जीतना आता है, लेकिन यू्क्रेन जो मांग कर रहा है उसकी सतत और पर्याप्त आपूर्ति के बिना, जीत बहुतों की कुर्बानियां ले लेगी.’’ उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा हमें हथियार मिलेंगे और जितना जल्दी वे यूक्रेन पहुंचेंगे, उतने ही इंसानों की ंिजदगियां बचाई जा सकेंगी.

विदेश मंत्री ने खास तौर पर जर्मनी से आग्रह किया और बेहद जरूरी साजोसामान और हथियार भेजने में तेजी लाने के लिए कहा. उन्होंने कहा,‘‘र्बिलन के पास वक्त है पर कीव के पास नहीं.’’ जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने कहा कि उनका देश ‘‘अपने सहयोगियों के साथ इस बात पर विचार कर रहा है कि भविष्य में यूक्रेन की मदद किस प्रकार से की जा सकती है क्योंकि आत्मरक्षा उनका अधिकार है और हम इसका समर्थन करेंगे.’’

कुछ देश जो हथियार भेज रहे हैं वे इस बात में उलझ गए हैं कि किस प्रकार के हथियार मुहैया कराए जाने चाहिए. उनका तर्क है की यूक्रेन को केवल ऐसे हथियार मुहैया कराए जाने चाहिए जो केवल रक्षा करने वाले हों, उसे युद्धक विमान और तोपें नहीं दी जाए जिससे वह वास्तव में लड़ाई लड़ सके.

वहीं नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बृहस्पतिवार को इस बहस को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ यूक्रेन खुद को बचाने के लिए युद्ध लड़ रहा है, इसलिए खुद को बचाने और हमला करने वाले हथियारों के बीच अब कोई भेद नहीं रह गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने सहयोगियों से कई अलग-अलग प्रकार की प्रणालियां दे कर और मदद करने का आग्रह किया है, हल्के हथियारों के साथ-साथ भारी हथियार भी प्रदान किए जाएं.’’

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