उत्तर प्रदेश विधानपरिषद चुनाव में शनिवार को सपा-भाजपा में सीधा मुकाबला
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा की नजर विधानपरिषद की 36 सीटों पर शनिवार को होने वाले चुनाव में भी यही उपलब्धि दोहराने पर है. चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने विधानपरिषद चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. हालांकि कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं. मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी.
उत्तर प्रदेश के उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, उत्तर प्रदेश के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार हैं. 739 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिसमें 1,20,657 मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की उम्मीद है.
आठ स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से नौ विधानपरिषद सदस्य (एमएलसी) निर्विरोध चुने गए हैं. निर्वाचन क्षेत्र हैं… बदायूं,
हरदोई, खीरी, मिर्जापुर-सोनभद्र, बांदा-हमीरपुर, अलीगढ़, बुलंदशहर और मथुरा-एटा-मैनपुरी. मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन क्षेत्र से दो एमएलसी निर्विरोध चुने गए, जबकि बाकी निर्वाचन क्षेत्रों से एक-एक एमएलसी निर्विरोध निर्वाचित हुए.
चुनाव कार्यालय के अनुसार, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान होगा उनमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल है.
मतदान सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक होगा.
एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था, ‘‘प्रदेश में 36 सीटों पर विधानपरिषद के चुनाव वर्तमान में हो रहे हैं. उनमें से नौ सीटों पर भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है. अगर ये सभी 36 सीटें भाजपा जीतती है तो मानकर चलिये कि भाजपा के पास विधानपरिषद में दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे.’’ उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाद विधानपरिषद में भी दो-तिहाई से अधिक बहुमत के कारण भाजपा को प्रदेश में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने और गरीबों के कल्याण की योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं रहेगा. इसलिये हमारे इन सभी 36 सीट पर चुनाव जीतना बेहद महत्वपूर्ण है.
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक आदित्यनाथ शनिवार को गोरखपुर में नगर निगम के मतदान केंद्र पर अपना वोट डालेंगे. स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र के विधानपरिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं. इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं.
प्रदेश की 100 सदस्यीय विधानपरिषद में इस समय भाजपा के 35 सदस्य हैं, जबकि सपा के 17, बसपा के चार तथा कांग्रेस, अपना दल निषाद पार्टी और निर्दल समूह का एक-एक सदस्य है. शिक्षक दल के दो सदस्य हैं, जबकि एक निर्दलीय सदस्य है.
राज्य विधानपरिषद की 36 सीटें पिछली सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं. सदन में 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है. भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए 36 उम्मीदवारों में से पांच समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता हैं, जो फरवरी-मार्च राज्य चुनावों की पूर्व संध्या पर भगवा खेमे में शामिल हुए थे.
यह नेता हैं – सुल्तानपुर स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से शैलेंद्र प्रताप ंिसह, गोरखपुर-महाराजगंज स्थानीय प्राधिकरण से सीपी चंद, बलिया स्थानीय अधिकारियों से रविशंकर ंिसह ‘पप्पू’, झांसी-जालौन-ललितपुर स्थानीय प्राधिकरण से राम निरंजन और बुलंदशहर स्थानीय प्राधिकरण से नरेंद्र भाटी. रविशंकर ंिसह पप्पू पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पोते हैं.
मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर सीट को छोड़कर, जो उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के लिए छोड़ी गई है, समाजवादी पार्टी ने शेष सभी 34 सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. टिकट पाने वालों में देवरिया से डॉ. कफील खान, रामपुर-बरेली से मशकूर अहमद, लखनऊ-उन्नाव, बाराबंकी और मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से क्रमश: सुनील कुमार साजन, राजेश कुमार और उदयवीर ंिसह शामिल हैं.