टीवी प्रस्तोता रंजन के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करें राज्य: न्यायालय

नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को एक जुलाई को ‘गलत संदर्भ’ में दिखाने के मामले में एक समाचार चैनल के प्रस्तोता रोहित रंजन को राहत देते हुए शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के प्राधिकारियों को उन्हें हिरासत में लेने की कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया. रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. उन्होंने इस प्रसारण के संबंध में की गई शिकायतों और प्राथमिकियों को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है.

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने समाचार प्रस्तोता को अंतरिम राहत प्रदान की. उसने केंद्र और छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर उनसे इस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा.

पीठ ने कहा, ‘‘इस बीच, एक जुलाई, 2022 को डीएनए के प्रसारण के संबंध में याचिकाकर्ता को हिरासत में लेने की कठोर कार्रवाई करने से प्रतिवादी प्राधिकारियों को रोकने का अंतरिम आदेश लागू रहेगा.’’ राहुल गांधी के वीडियो को गलत संदर्भ में दिखाने के मामले में रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. रंजन ने वीडियो प्रसारित होने के बाद माफी मांगी थी और इस समाचार कार्यक्रम को वापस ले लिया गया था. याचिका में केंद्र के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों को पक्षकार बनाया गया है.

रंजन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ से कहा कि अभी तक जयपुर, रायपुर और नोएडा में तीन प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में अनजाने में त्रुटि हो गई और याचिकाकर्ता ने माफी भी मांग ली है. लूथरा ने कहा कि कंपनी के दो संबंधित लोगों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘आज मेरी मुश्किल है कि पहली प्राथमिकी जयपुर में दर्ज की गई है, दूसरी प्राथमिकी छत्तीसगढ़ के रायपुर में दर्ज की गई है.’’ उन्होंने कहा कि नोएडा में भी प्राथमिकी दर्ज हुई है.

याचिका में रंजन ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों या शिकायतों को रद्द करने या उन्हें एक साथ संलग्न करने एवं एक स्थान पर हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है. रंजन ने यह भी अनुरोध किया है कि वापस लिए जा चुके कार्यक्रम के प्रसारण के लिए उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए. याचिका में पत्रकार, उनके परिवार के सदस्यों और कार्यक्रम से जुड़े उनके सहयोगियों के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया गया है.

याचिका में कहा गया है, ‘‘वर्तमान रिट याचिका संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की जा रही है जिसमें लगभग एक जैसी आपराधिक शिकायतों को रद्द करने/एक साथ जोड़ने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता के खिलाफ देशभर में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. याचिकाकर्ता ने वर्तमान याचिका के लंबित रहने के दौरान दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण का अनुरोध किया है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘रंजन ने एक जुलाई, 2022 को ‘जी न्यूज’ पर एक कार्यक्रम की मेजबानी की. समाचार कार्यक्रम में कुछ उद्धरणों को अनजाने में गलत तरीके से पेश किया गया और त्रुटि को तुरंत ठीक कर दिया गया. याचिकाकर्ता और जी न्यूज द्वारा बिना शर्त माफी मांगी गई थी और कोई भी प्राथमिकी एवं शिकायत दर्ज होने से पहले ही समाचार कार्यक्रम को वापस ले लिया गया था.’’

याचिका में कहा गया है कि बाद में, याचिकाकर्ता के खिलाफ एक ही घटना के लिए कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत कई प्राथमिकी और शिकायतें दर्ज की गई हैं. गौरतलब है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दल रोहित रंजन को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचा था लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और रात में जमानत पर रिहा कर दिया था.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की शिकायत पर रंजन और जी न्यूज के अन्य र्किमयों के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.

कांग्रेस विधायक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जिस वीडियो में राहुल ने अपने वायनाड कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वालों को ‘‘बच्चे’’ बताया था और कहा था कि उनके मन में उनके लिए कोई दुर्भावना नहीं है, उसे टीवी चैनल ने एक जुलाई को ‘‘शरारतपूर्ण ढंग से’’ इस्तेमाल किया और इस तरह से दिखाया कि राहुल उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल के हत्यारों को माफ करने की बात कर रहे हैं.
रायपुर में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153ए (विभिन्न वर्गों में वैमनस्य को बढ़ावा देना), 295ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना), 467 (जालसाजÞी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजÞी) और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

इससे पहले, रंजन ने अपने टीवी कार्यक्रम में राहुल के बयान को ‘‘गलत संदर्भ में’’ उदयपुर हत्याकांड से ‘‘गलती से’’ जोड़कर दिखाये जाने को लेकर दो जुलाई को माफी मांगी थी. इससे एक दिन पहले कार्यक्रम प्रसारित किया गया था. रंजन ने ट्वीट किया था, ‘‘हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में चल गया था. यह एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम क्षमा प्रार्थी है. हम इसके लिए खेद जताते हैं.’’

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