एंकर के मामले में न्यायालय ने जांच पर रोक नहीं लगाई और कोई टिप्पणी भी नहीं की: कांग्रेस

नयी दिल्ली. कांग्रेस ने राहुल गांधी के वीडियो को ‘गलत संदर्भ’ में दिखाने के मामले में एक समाचार चैनल के एंकर रोहित रंजन को उच्चतम न्यायालय द्वारा राहत दिए जाने के आदेश को लेकर शनिवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप यह ‘एकपक्षीय आदेश’ दिया, क्योंकि संबंधित राज्य आज मौजूद नहीं थे.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि न्यायालय ने जांच पर कोई रोक नहीं लगाई है और इस बारे में कोई टिप्पणी भी नहीं की है तथा आगे न्यायालय के संज्ञान में वो तथ्य लाए जाएंगे, जो आज प्रस्तुत नहीं हो सके. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘आरोपी व्यक्ति के खिलाफ शिकायतें और प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं. जिन राज्यों में प्राथमिकियां दर्ज की गई थी, उन्हें अब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है और अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है. वे न तो वहां उपस्थित थे और न ही उन्हें उपस्थित होने की आवश्यकता थी. इस प्रकार ऐसे आदेश को कानूनी भाषा में ‘एकपक्षीय आदेश’ के रूप में जाना जाता है, जो संबंधित राज्यों को जवाब दाखिल करने और अगली तारीख पर उपस्थित होने का पूरा अवसर देता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आज प्रस्तुत नहीं किए गए कई तथ्य भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाए जाएंगे.’’ रमेश का कहना है, ‘‘इस पर भी गौर किया जाना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय ने न तो जांच पर रोक लगाई है और न ही उस पर कोई टिप्पणी की है. इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि फर्जी और विभाजनकारी प्रचार सामग्री के प्रसार में संलिप्त भाजपा नेताओं के विरुद्ध शिकायत में कोई स्थगन आदेश नहीं दिया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए यह परिस्थितियां घृणा और फर्जी खबरों के सभी पैरोकारों के खिलाफ कानून का आ’’ान करने और कानून के तहत अनुमत अंतिम परिणति तक मामले को ले जाने के हमारे संकल्प को और सुदृढ़ करती हैं.’’

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को एक जुलाई को ‘गलत संदर्भ’ में दिखाने के मामले में एक समाचार चैनल के एंकर रोहित रंजन को राहत देते हुए शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के प्राधिकारियों को उन्हें हिरासत में लेने की कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया. रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. उन्होंने इस प्रसारण के संबंध में की गई शिकायतों और प्राथमिकियों को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button