चीन की मंशा सीमा मुद्दे को बनाये रखने की रही है : थलसेना प्रमुख

नयी दिल्ली. थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि चीन के साथ मूल विषय सीमा मुद्दे का समाधान है लेकिन उसकी मंशा इसे बरकरार रखने की रही है. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सैनिकों को पर्याप्त रूप से तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय थलसेना का उद्देश्य अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल करना है और सीमा पर तैनात सैनिकों को उनके कार्य में दृढ़ रहने के लिए दिशानिर्देश दिया गया है.

थलसेना प्रमुख ने संवाददाताओं के एक समूह से कहा कि भारतीय सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘महत्वपूर्ण स्थानों’’ पर बने हुए हैं और सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पास “मजबूत स्थिति” में है. उन्होंने कहा, ‘‘मूल मुद्दा सीमा का समाधान है. हम देखते हैं कि चीन की मंशा सीमा मुद्दे को बरकरार रखने की रही है… एक देश के रूप में हमें एक ‘संपूर्ण राष्ट्र’ दृष्टिकोण की आवश्यकता है और सैन्य क्षेत्र में, यह एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने और उसका मुकाबला करना है.”

जनरल पांडे ने लगभग एक हफ्ते ही पहले थलसेना की कमान संभाली है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य वार्ता के परिणामस्वरूप पैंगोंग झील, गोगरा और गलवान में गश्ती केंद्र 14 के उत्तर और दक्षिणों तट पर सैनिकों को हटा लिया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “हम शेष क्षेत्रों में भी बातचीत के जरिए समाधान निकलने की उम्मीद करते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल करना है.

पूर्वी लद्दाख में गतिरोध 4-5 मई 2020 को शुरू हुआ था और भारत गतिरोध से पहले की स्थिति की बहाली पर जोर देता रहा है.
उन्होंने कहा कि उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच विश्वास और शांति स्थापित करना है लेकिन यह “एकतरफा मामला” नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, “हमारे सैनिक एलएसी पर महत्वपूर्ण स्थानों पर बने हुए हैं. जहां तक स्थिति का सवाल है, सैनिकों को अपने काम में दृढ़ बने रहने और यथास्थिति को बदलने के प्रयासों को रोकने के लिए मार्गदर्शन दिया गया है.”

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