पाकिस्तान का ‘स्वतंत्रता संग्राम फिर से शुरू’ : सत्ता जाने के बाद इमरान खान

इस्लामाबाद/कराची. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता जाने के बाद रविवार को अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि ‘‘विदेशी साजिश’’ के कारण उनकी सरकार को हटाए जाने के साथ पाकिस्तान का ‘‘स्वतंत्रता संग्राम’’ फिर से शुरू हो गया है.
खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से बचने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के काफी प्रयासों के बावजूद संयुक्त विपक्ष खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने में सफल रहा. खान (69) देश के इतिहास में सदन का विश्वास खोने के बाद सत्ता गंवाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं.

सत्ता जाने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में खान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पाकिस्तान 1947 में एक स्वतंत्र राष्ट्र बना लेकिन स्वतंत्रता संग्राम आज फिर से शासन परिवर्तन की एक विदेशी साजिश के खिलाफ शुरू हुआ है. हमेशा देश के लोग ही अपनी संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा करते हैं.’’ खान दावा करते रहे हैं कि उनके खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण एक ‘‘विदेशी साजिश’’ का परिणाम था. उन्होंने साजिश के पीछे अमेरिका का नाम लिया है. अमेरिका ने इस आरोप का कई बार स्पष्ट रूप से खंडन किया है.

खान ने आरोप लगाया है कि विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू उनकी सरकार को गिराने के लिए ‘विदेशी साजिश’ में शामिल थे. पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को संसद में एक भावुक भाषण में भी खान के आरोपों को दोहराया कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में शासन परिवर्तन की साजिश रची जा रही है.

अपदस्थ होने से पहले इमरान खान ने सेना प्रमुख को बर्खास्त करने की कोशिश की

पाकिस्तानी मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद से बेदखल होने से पहले सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को बर्खास्त करने का प्रयास किया था, ताकि कोई ऐसा व्यक्ति आए जो ‘‘विदेशी षडयंत्र’’ के उनके (खान के) दावे और सत्ता में बने रहने के उनके इरादे के प्रति अधिक सहानुभूति रखता हो.

‘बीबीसी उर्दू’ ने कहा कि ‘‘दो बिन बुलाए मेहमानों’’ को लेकर एक हेलीकॉप्टर रात को प्रधानमंत्री के आवास में उतरा और सेना के जवानों ने उन्हें एक इमारत में प्रवेश कराया. उन दोनों ने की खान के साथ 45 मिनट तक बैठक चली. खबर में कहा गया है कि बैठक के बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है लेकिन यह सौहार्दपूर्ण माहौल में नहीं हुई.

खबर के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने मिलने आए उच्च अधिकारियों में से एक को हटाने का एक घंटे पहले आदेश जारी किया था. इसलिए, प्रधानमंत्री को इन बिन बुलाए मेहमानों के आने की उम्मीद नहीं थी. इमरान खान एक हेलीकॉप्टर के आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन हेलीकॉप्टर में जो लोग आए उनका उन्हें अंदाजा नहीं था और न ही इसकी उम्मीद थी.’’ इसमें कहा गया है कि खान को उम्मीद थी कि हेलीकॉप्टर में उनके ‘‘नवनियुक्त अधिकारी’’ आएंगे, जिनके आने से सारी राजनीतिक उथल-पुथल पर विराम लग जाएगा.

खबर में कहा गया है कि ‘‘बदलाव’’ की कोशिश नाकाम हो गई क्योंकि रक्षा मंत्रालय ने नई नियुक्ति के लिए आवश्यक अधिसूचना जारी नहीं की. बीबीसी ने ‘‘बिन बुलाए मेहमानों’’ की पहचान नहीं बताई लेकिन खबर में शब्दों के चयन और इस्तेमाल किये गये लहजे से पता चलता है कि वे सेना प्रमुख जनरल बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम रहे होंगे.

खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेना की मीडिया ईकाई ‘इंटर-र्सिवसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) ने रविवार को बीबीसी उर्दू के आलेख को खारिज कर दिया और इसे ‘‘विशिष्ट दुष्प्रचार’’ वाली कहानी बताया. उसने एक बयान में कहा कि यह आलेख ‘‘पूरी तरह निराधार और झूठ का पुंिलदा’’ है. डॉन अखबार की खबर के अनुसार, उसने कहा कि ‘‘विशिष्ट दुष्प्रचार’’ वाली कहानी ‘‘किसी भी विश्वसनीय और प्रासंगिक स्रोत’’ के बिना लिखी गयी है और दावा किया कि यह ‘‘पत्रकारिता के बुनियादी मूल्यों का उल्लंघन’’ करती है.

बयान में कहा गया है, ‘‘फर्जी कहानी में कोई सच्चाई नहीं है और यह स्पष्ट रूप से एक संगठित दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा दिखायी देती है. इस मामले को बीबीसी प्राधिकारियों के समक्ष उठाया जा रहा है.’’ खान का नाम शनिवार को पाकिस्तान के इतिहास के पन्नों में ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री के तौर पर दर्ज हो गया, जिन्हें नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बाहर कर दिया गया.
ऐसी भी खबर है कि वकील अदनान इकबाल ने जनरल बाजवा को सेना प्रमुख पद से संभावित रूप से हटाए जाने को चुनौती देने के लिए याचिका तैयार कर ली थी. अगर रक्षा मंत्रालय अधिसूचना जारी करती तो इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में रात में सुनवाई की जाती.

वहीं, ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में शनिवार रात एक आपात याचिका दायर कर खान को जनरल बाजवा को सेना प्रमुख के पद से हटाने से रोकने का अनुरोध किया गया. बीबीसी की खबर में कहा गया है कि एक याचिका तैयार की गई लेकिन तकनीकी कारण से दायर नहीं की गई क्योंकि इसमें सेना प्रमुख को हटाने की आधिकारिक अधिसूचना की संख्या नहीं थी, जो अंतत: जारी नहीं की गई थी. उच्चतम न्यायालय ने भी सुनवाई करने की तैयारी कर ली थी.

इमरान खान ने बुलाई पार्टी की कोर समिति की बैठक

पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी पार्टी की कोर समिति की रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे, ताकि अचानक उन्हें पद से हटाए जाने के बाद वह पार्टी की भविष्य की रणनीति की घोषणा कर सकें. खान (69) को प्रधानमंत्री पद से अविश्वास प्रस्ताव के जरिये शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को हटाया गया और वह देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हो गये हैं जिन्हें संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव में शिकस्त का सामना करना पड़ा.

सीनेटर (पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट के सदस्य) फैसल जावेद खान ने ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष आज पार्टी कोर समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इंशा अल्लाह.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इमरान खान भविष्य की रणनीति की घोषणा करेंगे.’’ इस बीच, इमरान खान की पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उनका साथ देने का संकल्प लिया है. पूर्व वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री तैमूर खान झागरा ने कहा कि यह लड़ाई हारना महत्वहीन है.

इमरान के बाहर होते ही पीसीबी प्रमुख पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं रमीज

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) चेयरमैन रमीज राजा देश के प्रधानमंत्री पद से इमरान खान को हटाये जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं. रमीज भी इमरान की तरह पाकिस्तान के पूर्व कप्तान हैं. वह इस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बैठकों में हिस्सा लेने के लिये दुबई में हैं जो रविवार को समाप्त हुईं.

इसकी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने रविवार को कहा, ‘‘रमीज ने इमरान के जोर देने पर ही बोर्ड का चेयरमैन बनने पर सहमति जतायी थी क्योंकि उनकी कप्तानी में खेलने वाली सभी खिलाड़ी उनका काफी सम्मान करते हैं जिसमें रमीज भी शामिल हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘रमीज का करियर कमेंटेटर, टीवी कमेंटेटर और विशेषज्ञ के तौर पर बहुत अच्छा चल रहा था और वह अपनी प्रतिबद्धताओं में व्यस्त थे. लेकिन इमरान के जोर देने पर ही उन्होंने सभी मीडिया करार तोड़ दिये और बोर्ड के चेयरमैन बन गये. ’’

सूत्र ने कहा, ‘‘रमीज ने इमरान को भी स्पष्ट कर दिया था कि वह तब तक ही बोर्ड चेयरमैन बने रहेंगे जब तक वह प्रधानमंत्री बने रहते हैं. ’’ सूत्र ने कहा कि इमरान को अब प्रधानमंत्री के तौर पर हटा दिया गया है जो बोर्ड का सरंक्षक भी होता है और वह आधिकारिक चयन प्रक्रिया के लिये चेयरमैन का नामांकन करता है तो इसकी संभावना नहीं के बराबर है कि रमीज इस पद पर बने रहें लेकिन अगर नये प्रधानमंत्री उन्हें इस पद पर बने रहने के लिये कहते हैं तो बात कुछ और होगी.

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