राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए : भूपेश बघेल

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी के एक बार फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने की वकालत की. उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करती है और इस पद के लिए चुनाव लड़ने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है.

सोनिया गांधी इस समय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के लगातार दूसरी बार हार का सामना करने पर राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी थीं. बघेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है और जो चुनाव लड़ना चाहते हैं वे नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए स्वतंत्र हैं. मेरा मानना है कि राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालना चाहिए.’’

उनकी टिप्पणी तब आई है, जब 23 नेताओं के समूह (जी-23) ने पार्टी संगठन में आमूल-चूल बदलाव का आ’’ान किया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर कांग्रेस में बदलाव की मांग बढ़ गई है. पार्टी को पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी.

हाल के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बारे में बघेल ने कहा, ‘‘चुनाव आते हैं और जाते हैं, हमें इससे निराश नहीं होना चाहिए. हमें आगे बढ़ना चाहिए.’’ पिछले महीने, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने फैसला किया कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने तक पार्टी का नेतृत्व करती रहेंगी. सोनिया गांधी ने भी कहा था कि वह पार्टी के हित में ‘‘हर बलिदान के लिये’’ तैयार हैं.

सीडब्ल्यूसी ने उनके नेतृत्व में पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए उनसे पार्टी को मजबूत करने और अगले दौर के चुनावों से पहले राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्काल सुधारात्मक बदलाव करने का आग्रह किया. कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं, इस साल 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पार्टी का एक नया पार्टी अध्यक्ष होगा और उसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्ण सत्र में अक्टूबर तक सीडब्ल्यूसी के चुनाव होंगे.

अंतरिम अध्यक्ष के रूप में फिर से पार्टी की बागडोर संभालने वाली सोनिया गांधी ने भी अगस्त 2020 में नेताओं के एक वर्ग (जी-23) द्वारा खुले विद्रोह के बाद पद छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन तब भी सीडब्ल्यूसी ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था.
अगस्त 2020 में, कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर संगठन में आमूल-चूल बदलाव करने और जमीन पर सक्रिय नेतृत्व की मांग की थी.

पत्र में, उन्होंने लोकसभा और राज्य चुनावों में लगातार विफलताओं को देखते हुए पार्टी के भीतर बदलाव की मांग की थी. समय के साथ नेताओं की मांग तेज हो गई और गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता कई मौकों पर पार्टी के रुख की अवहेलना करते रहे.

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