खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए मंगलवार को मतदान, तैयारी पूरी

राजनांदगांव. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले की खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए मंगलवार को मतदान होगा. उपचुनाव में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद से रिक्त इस सीट के लिए 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला सत्ताधारी दल कांग्रेस, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और जनता कांग्रेस के बीच होने की संभावना है.

राजनांदगांव जिले के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए मंगलवार को मतदान होगा. क्षेत्र में सुचारू रूप से मतदान के लिए मतदान दलों को रवाना कर दिया गया है. मतदाता सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. मतों की गिनती 16 अप्रैल को होगी.

अधिकारियों ने बताया कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 291 मतदान केंद्र हैं जिसके लिए सभी 291 मतदान दल मतदान सामग्री लेकर रवाना हो गए हैं. विधानसभा क्षेत्र में 283 मतदान केन्द्र और आठ सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें 53 अतिसंवेदनशील, 11 संवेदनशील और 86 राजनैतिक रूप से संवेदनशील है. उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 11 हजार 516 मतदाता हैं. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या एक लाख छह हजार 266 तथा महिला मतदाता एक लाख पांच हजार 250 हैं.

अधिकारियों ने बताया कि छुईखदान और खैरागढ़ मतदान केंद्र को संगवारी मतदान केंद्र बनाया गया है जहां महिला अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय पुलिस बल की 22 कंपनियों को तैनात किया गया है. वहीं ईवीएम मशीन के स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए केंद्रीय पुलिस बल की एक कंपनी को तैनात किया गया है. साथ ही छह सीसीटीवी कैमरा स्ट्रांग रूम के चारों तरफ निगरानी के लिए लगाए गए हैं.

खैरागढ़ विधानसभा सीट राज्य की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस सीट पर ज्यादातर समय कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद कांग्रेस इस सीट को नहीं जीत सकी थी. इस सीट में पार्टी को तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की कुल 90 सीटों में से 68 सीटों पर, भारतीय जनता पार्टी ने 15 सीटों पर और जनता कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी गठबंधन ने सात सीटों पर जीत हासिल की थी.

वर्ष 2018 के चुनाव में खैरागढ़ सीट से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ (जे) के उम्मीदवार देवव्रत सिंह ने जीत हासिल की थी. खैरागढ़ राजपरिवार से जुड़े सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबी थे. कांग्रेस से अलग होने के बाद जब जोगी ने नई पार्टी का गठन किया था तब सिंह जोगी की पार्टी में चले गए थे. सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार कोमल जंघेल को 870 मतों के मामूली अंतर से हराया था.
पिछले वर्ष नवंबर माह में दिल का दौरा पड़ने से सिंह का निधन हो गया था. तब से यह सीट रिक्त है.

खैरागढ़ विधानसभा सीट में उपचुनाव की घोषणा के बाद राज्य के तीनों दलों ने मतदाताओं को अपनी ओर आर्किषत करने की कोशिश शुरू कर दी थी. पिछले विधानसभा चुनाव और बाद में दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में हार के बाद भाजपा ने इस सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है.

पार्टी ने इस उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनाव प्रचार के बुलाया था. दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व किया है. खैरागढ़ उपचुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर पूर्व विधायक कोमल जंघेल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार यशोदा वर्मा पर भरोसा जताया है. जंघेल और वर्मा दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग के लोधी जाति से हैं. खैरागढ़ क्षेत्र में लोधी जाति की संख्या अधिक है. वहीं जनता कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए वकील और खैरागढ़ राजपरिवार के दामाद नरेंद्र सोनी को अपना उम्मीदवार बनाया है. पार्टी नेताओं के मुताबिक सोनी खैरागढ़ क्षेत्र को जिला बनाने की मांग से संबंधित आंदोलन से भी जुड़े हुए हैं.

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