आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 11 हजार मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी

नयी दिल्ली/कोलंबो. गंभीर आर्थिक संकट एवं आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे श्रीलंका को उसके नववर्ष उत्सव से पहले भारत ने 11 हजार मीट्रिक टन चावल की खेप भेजी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अंिरदम बागची ने श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग का ट्वीट जारी कर यह जानकारी दी.

श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने अपने ट्वीट में कहा कि नववर्ष उत्सव से पहले भारत से 11 हजार मीट्रिक टन चावल आज चेन ग्लोरी जहाज से कोलंबो पहुंचा. इसमें कहा गया कि पिछले सप्ताह भी बहुआयामी सहायता के तहत 16 हजार मीट्रिक टन चावल की आपूर्ति की गई थी जिससे दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का पता चलता है और यह सहायता जारी रहेगी.

गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है. वहां प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. श्रीलंका में इस गंभीर आर्थिक संकट के कारण राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाले श्रीलंका के सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं.

पिछले सप्ताह श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट में कहा था, ‘‘ईंधन के लिए भारत की ऋण सुविधा पर काम शुरू. 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मीट्रिक टन डीजल की आपूर्ति की गई. भारतीय सहायता के तहत अब तक कुल 2,70,000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई.’’

भारत से 11,000 टन चावल श्रीलंका पहुंचा

श्रीलंका के पारंपरिक नए साल से पहले भारत से 11,000 टन चावल की एक खेप मंगलवार को यहां पहुंची. आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के लिए नए साल के जश्न से पहले यह एक बड़ी राहत है. श्रीलंका के लोग 13 और 14 अप्रैल को ंिसहल और तमिल नव वर्ष मनाएंगे. यह श्रीलंका के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि श्रीलंका के लोगों द्वारा नए साल के जश्न से पहले भारत से चावल की खेप कोलंबो पहुंच गई.

बयान में कहा गया कि पिछले एक हफ्ते में श्रीलंका को भारत की मदद के तहत 16,000 टन चावल की आपूर्ति की गई है. भारतीय उच्चायोग ने कहा कि ये आपूर्ति आगे भी जारी रहेगी, जो भारत और श्रीलंका के बीच विशेष संबंधों को दर्शाता है. इसबीच श्रीलंका ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से राहत पैकेज मिलने तक अपने विदेशी कर्ज में चूक करेगा. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह श्रीलंका सरकार की नीति होगी कि वह सामान्य ऋण सेवाओं को निलंबित कर दे… यह 12 अप्रैल 2022 को बकाया ऋणों पर लागू होगी.’’

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